देव संस्कृति विवि में पोलैंड की भाषा भी सिखाई जायेगी

हरिद्वार, 4 मार्च (हि.स.)। हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय (देसंविवि) में येकातेरिना जार्जिवना के नेतृत्व में रूस से 16 युवाओं का दल पहुंचा। उन्होंने शांतिकुंज व देसंविवि के आध्यात्मिक व दिव्य वातावरण में गायत्री महामंत्र की साधना की और साधना की गहराई में स्नान किया। प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या से भेंटकर साधना, जीवनोत्कर्ष आदि पर मार्गदर्शन पाया। इस दौरान उन्होंने समग्र शिक्षा और मूल्य-आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया, जिससे दोनों संस्कृतियों के बीच बंधन मजबूत हुआ।

वहीं पोलिश भाषा की प्रतिष्ठित शिक्षिका सैंड्रा स्जनिर देसंविवि पहुंची। वे देसंविवि के विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित पोलिश (पोलैंड की भाषा) लिपि सिखायेंगी और पोलैंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को साझा करेंगी।

वियतनाम से डॉ शिवम मिश्रा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय दल देसंविवि पहुंचा। दल को संबोधित करते हुए डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने योग की परिवर्तनकारी शक्ति और शिक्षा के प्रति विश्वविद्यालय के समग्र दृष्टिकोण पर अंतर्दृष्टि साझा की। डॉ. शिवम मिश्रा ने टीम के सदस्यों के साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का दौरा किया और यहां के शैक्षिक और सांस्कृतिक माहौल को मुंक्त कंठ से सराहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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