बांग्लादेशी संदिग्ध के नाम पर राजनीति तेज, जनप्रति​निधि बना रहे मुद्दा 

लखनऊ, 06 जनवरी(हि.स.)। लखनऊ में हजारों परिवारों के बीच उनके घरों में रोजमर्रा का काम करने वाले और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बांग्लादेशी संदिग्ध के नाम पर दो जनप्रतिनिधियों ने राजनीति तेज कर दी है। लखनऊ पूर्वी के विधायक ओपी श्रीवास्तव और शहर को स्वच्छता का संदेश देने वाली महापौर सुषमा खर्कवाल ने बांग्लादेशी मुक्त समाज को मुद्दा बना लिया है।

लखनऊ में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के पास वैध प्रमाण पत्रों के होने के बावजूद उन्हें बांग्लादेशी नागरिक बताने वाली महापौर सुषमा खर्कवाल ने जिलाधिकारी लखनऊ को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। जिलाधिकारी कार्यालय को पत्र मिलने के बाद झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले नागरिकों की प्रारम्भिक जांच में अभी तक कोई बांग्लादेशी नागरिक नहीं पकड़ा गया है।

इसी तरह विधायक ओपी श्रीवास्तव अपने बयानों के दम पर राजनीति को गरम किये हुए है। ओपी श्रीवास्तव तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से समय लेकर मिल भी आये हैं। अपनी विधानसभा क्षेत्र लखनऊ पूर्वी में अवैध कब्जा हटाने को लेकर विधायक तमाम प्रकार के तर्क रख रहे हैं। मुख्यमंत्री से मांग करते हुए विधायक ओपी श्रीवास्तव ने कुकरैल नदी के गंदा होने के पीछे की वजह भी झोपड़ी में रहने वालों को बताया है।

लखनऊ उत्तर में सर्वाधिक संख्या में संदिग्ध

सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी में अपना जीवन काट रहे लोगों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे वैध दस्तावेज हैं। इन्हें बांग्लादेशी कहने के बजाय संदिग्ध कहने वाले प्रशासनिक कर्मचारियों की माने तो लखनऊ उत्तर में सर्वाधिक संख्या में संदिग्ध लोग है, जो झुग्गी झोपड़ी में अपना गुजर बसर कर रहे हैं। इसके बाद सरोजनीनगर विधानसभा दूसरे स्थान पर है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

   

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