वसुंधरा राजे के बयान पर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने मुद्दा बनाया तो भाजपा ने कहा, विपक्ष नहीं करे पंचायती

जयपुर, 10 अप्रैल (हि.स.)। झालावाड़ में पानी की समस्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सख्त तेवर अब सियासी बहस का केंद्र बन चुके हैं। राजे द्वारा अधिकारियों को फटकार लगाने और पानी संकट को लेकर सार्वजनिक बयान देने के बाद कांग्रेस ने इसको लेकर भजनलाल शर्मा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, तो वहीं भाजपा ने इसे घरेलू मामला कहकर विपक्ष को पंचायती न करने की नसीहत दे डाली।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाए तो बचाव में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ उतर आए। गुरुवार को जयपुर पार्टी मुख्यलय पर मीडिया से बातचीत में राठौड़ ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि वो उनकी पार्टी और सरकार के मामले पंचायती नहीं करे, वो उनके घर का मामला है वो देख लेंगे। उन्हें अपनी सरकार के समय को याद करना चाहिए जब प्रदेश की जनता पानी की एक बूंद के लिए तरस रही थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अपनी सीएम की कुर्सी बचाने के लिए एसी रूम की होटलों में बंद थे।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर पलटवार कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यह हमारे परिवार का मामला है, विपक्ष को पंचायती नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की खिंचाई की तो ठीक बात है, ना इस बात में कोई दिक्कत नहीं है और उन्होंने सही पूछा है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, दो बार की मुख्यमंत्री रही है, उन्हें कहीं कमी देखी तो पूछ लिया इसमें ठीक बात है। आज जो विपक्ष जबरन बयान बाजी कर रहा है, जबकि ये सब खामियां तो विपक्ष जब सरकार में था तब की है। ये अपनी सरकार में काम किए होते तो कहां तकलीफ होती। विपक्ष का काम सिर्फ सिर्फ मुद्दा उठाना और हल्ला मचाना है, हम अधिकारी के बचाव के लिए हम अपने आप को क्यों कटघरे में खड़ा करें।

गौरतलब है कि वसुंधरा राजे ने दो दिन पहले झालावाड़ में पानी किल्ल्त के बीच कहा था कि जनता रो रही है और अधिकारी मस्त हो रहे हैं। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। राजे के इस बयान के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल से किए गए ट्वीट को रिट्वीट कर सरकार पर हमला बोला था। जूली ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है, जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है।

दिल्ली तक पहुंची राजे की नाराजगी

इतना ही नहीं राजे की नाराजगी और उनका गुस्सा दिल्ली तक भी पहुंचा। राजे के बयान के बाद केंद्र सरकार का जल शक्ति मंत्रालय भी हरकत में आ गया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी ट्वीट किया, जिसमें बताया है कि जल संकट को लेकर वसुंधरा राजे सिंधिया ने चिंता जताई है। जिसको भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है। राजस्थान सरकार से इस संबंध में तात्कालिक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

   

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