कश्मीर घाटी में धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व
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- Jan 06, 2025
श्रीनगर, 6 जनवरी (हि.स.)। खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह की जयंती जिसे प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है सोमवार को कश्मीर घाटी में धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाई गई। सबसे बड़ा जमावड़ा श्रीनगर के रैनावारी स्थित गुरुद्वारा छट्टी पातशाही में दिखा जहां बड़ी संख्या में सिख समुदाय के सदस्य, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, ठंड के बावजूद मत्था टेकने के लिए एकत्र हुए। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर और पूरे भारत में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना की गई।
त्राल, बारामुला, अनंतनाग और पुलवामा सहित घाटी के अन्य हिस्सों में भी यह दिन उत्साह के साथ मनाया गया। अनंतनाग स्थित गुरुद्वारे में इस अवसर पर प्रकाश डालते हुए समुदाय के एक सदस्य ने कहा कि यह दिन गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का जन्म क्रूरता को मिटाने और शोषितों की रक्षा के लिए ही हुआ था। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिख समुदाय और गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाने वाले सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला, जिन्होंने अपने लोगों के लिए सच्चाई, ईमानदारी और वफादारी का उदाहरण पेश किया।
ऑल पार्टीज सिख कोऑर्डिनेशन कमेटी ने खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह की जयंती के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई दी। । उन्होंने गुरुपर्व के अवसर पर जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना की। कश्मीर घाटी के सभी राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस अवसर पर सिख समुदाय के सदस्यों को शुभकामनाएं दी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता