पश्चिम बंगाल में छह विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग की 120 कंपनी केंद्रीय बल तैनात करने की तैयारी

कोलकाता, 16 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में आगामी 13 नवंबर को होने वाले छह विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने सुरक्षा के मद्देनजर 120 कंपनियों की केंद्रीय बल तैनात करने की योजना बनाई है। आयोग के सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औसतन 20 कंपनियां तैनात की जा सकती हैं, ताकि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।

राज्य के नदिया जिले के नैहटी, उत्तर 24 परगना के हाड़ोवा, पश्चिम मेदिनीपुर के मेदिनीपुर, बांकुड़ा के तालडांगरा, कूचबिहार के सिताई और अलीपुरद्वार के मदारीहाट विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1583 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें से सबसे अधिक 304 मतदान केंद्र मेदिनीपुर में होंगे, जबकि सिताई में 300, मदारीहाट में 226, नैहाटी में 210, हाड़ोवा में 279 और तालडांगरा में 264 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की भी व्यवस्था की जाएगी। केंद्रीय बलों की तैनाती का उद्देश्य चुनाव के दौरान शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में, जहां पूर्व में चुनावी हिंसा की घटनाएं हुई हैं।

नैहाटी विधानसभा सीट पूर्व विधायक पार्थ भौमिक के सांसद बनने के कारण खाली हुई है, जिन्होंने बैरकपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। हाड़ोवा के पूर्व विधायक हाजी नूरुल की हाल ही में मृत्यु हो गई, जो इस बार लोकसभा चुनाव में बसिरहाट से जीते थे। इसी तरह, सिताई के पूर्व विधायक जगदीश बसुनिया अब कूचबिहार के सांसद हैं। तालडांगरा के पूर्व विधायक अरूप चक्रवर्ती बांकुड़ा के सांसद बन चुके हैं। मेदिनीपुर से पूर्व विधायक जून मलिया भी अब सांसद बन चुकी हैं, जबकि मदारीहाट से पूर्व विधायक मनोज टिग्गा अलीपुरद्वार से सांसद हैं। इनमें से पांच सीटें पहले तृणमूल कांग्रेस के पास थीं, जबकि मदारीहाट भाजपा के पास थी।

पिछले कुछ चुनावों के दौरान बंगाल में चुनावी हिंसा के आरोप लगे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी, चुनाव की घोषणा से पहले ही केंद्रीय बलों की तैनाती शुरू कर दी गई थी, जिसके कारण बड़े पैमाने पर हिंसा से बचा जा सका। इस बार भी विधानसभा उपचुनाव के लिए आयोग सभी बूथों पर पर्याप्त केंद्रीय बल की तैनाती सुनिश्चित करना चाहता है।

राज्य में इस उपचुनाव के नतीजों को लेकर राजनीतिक हलकों में काफी उत्सुकता है कि तृणमूल और भाजपा में से किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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