महारानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए: प्रो.बिहारी लाल शर्मा

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता सहित विविध कार्यक्रम

वाराणसी,03 मार्च (हि.स.)। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर की मेहनत और समर्पण की भावना ने उन्हें एक सच्ची देशभक्त और समाज सेविका बनाया। उनकी विरासत आज भी हमें प्रेरित करती है और हमें महिला सशक्तिकरण और समाज सेवा के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती है। अहिल्याबाई होल्कर की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि कैसे एक महिला ने अपने जीवनकाल में इतना कुछ हासिल किया और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाया। उनकी विरासत को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन सभागार में सोमवार को महिला अध्ययन केंद्र की ओर से आयोजित महारानी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व, भाषण प्रतियोगिता,नाट्य मंचन कार्यक्रम को कुलपति प्रो. शर्मा सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि आज महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं। हमारे वेदों-पुराणों में भी मां की पूजा का विधान है।अहिल्याबाई होल्कर की उपलब्धियां उल्लेखनीय और प्रभावशाली हैं। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाजपा महिला मोर्चा की क्षेत्रीय मंत्री (काशी क्षेत्र) पूजा दीक्षित ने माता अहिल्याबाई होल्कर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी महिला सशक्तिकरण पर काम किया और भारतीय संस्कृति की रक्षा की। अहिल्याबाई होल्कर एक महान शासक और समाज सेविका थीं, जिन्होंने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। अहिल्याबाई होल्कर ने अपने कृतित्व से नारी शक्ति का विकास किया और सोयी हुई नारी शक्ति को जागृत किया। उन्होंने ऋषि तुल्य आचार्यों की तपोभूमि को भी संरक्षित किया। कार्यक्रम में नाटकों के मंचन से माता अहिल्याबाई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को बताया गया। इसके अलावा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम एवं भरत मिलाप पर 12 मिनट और 07 मिनट का नाटय विद्यार्थियों ने मंचन किया। भाषण प्रतियोगिता में दहेज प्रथा उन्मूलन,वृद्धा आश्रम की आवश्यकता क्यों पर छात्रों ने पक्ष—विपक्ष में तर्क रखे। इसके पहले अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन कार्यक्रम की संयोजिका महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो विधु द्विवेदी ने किया। संचालन डॉ कंचन पाठक,धन्यवाद ज्ञापन डॉ विद्या कुमारी ने किया। कार्यक्रम में आर्य महिला पीजी कालेज की प्राचार्य डॉ रचना दुबे,प्रो. शैलेश कुमार मिश्र, प्रो. हीरक कांत, प्रो. राजनाथ,प्रो. चंद्रकांता, डॉ. पद्माकर मिश्र आदि की भी मौजूदगी रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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