वक़्फ़ विधेयक में जनजातियों की ज़मीन की सुरक्षा को बताया उचित कदम

• वनवासी कल्याण आश्रम ने केन्द्र सरकार के निर्णय को सराह

अहमदाबाद, 3 अप्रैल (हि.स.)। वक्फ विधेयक में जनजातियों की जमीन की सुरक्षा के प्रावधान करने को लेकर वनवासी कल्याण आश्रम ने केन्द्र सरकार के प्रति आभार जताया। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की गुजरात इकाई ने कुछ समय पूर्व जेपीसी के समक्ष जनजातियों का पक्ष रखते हुए ज्ञापन दिया था। कल्याण आश्रम ने ही अनुसूचित जनजातियों का पक्ष जेपीसी के समक्ष रखा था। इसके बाद जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से यह सिफ़ारिश की कि वक़्फ़ विधेयक में जनजातियों की ज़मीन की सुरक्षा के प्रावधान करने करें।

वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह मे कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम के गत 15 दिनों के सतत प्रयासों का यह परिणाम है कि कानून एवं अल्पसंख्यक विभाग के केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोक सभा में यह घोषणा की कि जनजातियों की ज़मीन; संविधान की पांचवी और छठी अनुसूची की जनजाति भूमि वक़्फ़ के दायरे से बाहर रहेगी। जनजातियों की भूमि को सुरक्षित रखने के लिये भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का आभार जताया है। जनजाति कल्याण आश्रम गुजरात के प्रांत अध्यक्ष रति सुवेरा ने भी जनजातियों की भूमि को सुरक्षित रखने के लिये भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रति आभार और अभिनंदन व्यक्त किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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