जम्मू में राज्य का दर्जा बहाल करने, अनुच्छेद 370 की मांग को लेकर प्रदर्शन

जम्मू में राज्य का दर्जा बहाल करने, अनुच्छेद 370 की मांग को लेकर प्रदर्शन


जम्मू, 11 अप्रैल । मिशन स्टेटहुड जम्मू और कश्मीर के अध्यक्ष सुनील डिम्पल ने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा, विशेष दर्जा और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को लेकर एक जोरदार विरोध रैली का नेतृत्व किया। विरोध प्रदर्शन में जम्मू-कश्मीर के गैर-निवासियों को कथित रूप से जारी किए गए 84,000 अधिवास प्रमाण पत्रों को रद्द करने की भी मांग की गई।

रैली अम्फाला, रेहाडी चुंगी, बीसी रोड से होते हुए जानीपुर हाईकोर्ट चौक पर समाप्त हुई। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार पर सामूहिक अधिवास जारी करके और 200 बाहरी निवेशकों को लाखों कनाल भूमि आवंटित करके डोगरा राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने का आरोप लगाया। डिंपल ने आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से पांच लाख गैर-निवासियों ने जमीन खरीदी है और जम्मू-कश्मीर में बस गए हैं।

अपने संबोधन में डिंपल ने भाजपा, आरएसएस और केंद्रीय नेतृत्व की आलोचना करते हुए दावा किया कि वे डोगरा पहचान के दुश्मन हैं और उन पर महाराजा हरि सिंह की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा सत्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा प्रदान करने में विफल रहा।

डिंपल ने जेडीए और आवास विभाग द्वारा बाहरी लोगों को फ्लैट बेचने, युवाओं की बेरोजगारी और 32,000 खाली सरकारी पदों पर भी चिंता जताई। उन्होंने वक्फ विधेयक को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे विभाजनकारी बताया और भाजपा पर खनन, शराब और बिजली परियोजना माफियाओं के जरिए जम्मू-कश्मीर को ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह चलाने का आरोप लगाया।

उन्होंने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, एलपीजी सब्सिडी, दोगुना राशन और अप्रैल से दरबार मूव को तुरंत फिर से शुरू करने की मांग की। उन्होंने विधानसभा में गैंगस्टर की तरह व्यवहार करने और राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करने में विफल रहने के लिए भाजपा, पीडीपी और आप विधायकों की भी आलोचना की।

   

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