साहित्य परिषद के स्थापना दिवस पर प्रांतीय संगोष्ठी सह हास्य कवि सम्मेलन आयोजित

सहरसा, 18 अगस्त (हि.स.)।

साहित्य परिषद के स्थापना दिवस पर प्रांतीय संगोष्ठी सह हास्य कवि सम्मेलन आ

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की स्थापना दिवस पर रविवार को विद्यापति नगर स्थित अभिनव विवाह भवन में प्रांतीय संगोष्ठी सह हास्य कवि सम्मेलन एवं पुस्तक विमोचन समारोह आयोजित किया गया। दो सत्र में चले इस कार्यक्रम में पहले सत्र में लोक देवता विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसका संचालन डॉक्टर मुरारी कुमार के द्वारा किया गया।

दूसरे सत्र में साहित्य सृजन एवं महेंद्र प्रसाद लिखित संभावनाओं के शिखर एवं संसार की थकान काव्य संग्रह पुस्तक विमोचन किया गया। इस अवसर पर मंच संचालन आनंद झा मुरादपुरी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सहरसा विधायक डॉक्टर आलोक रंजन, प्रोफेसर के एस ओझा, डॉक्टर विनय कुमार चौधरी, साहित्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर जनार्दन यादव,मांगन मिश्र मार्तंड, मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह को पाग चादर देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर वक्ताओ ने कहा राष्ट्र को परम वैभव के पद पर ले जाने हेतु लोक गाथा लोक संस्कृति को पुन:स्थापित करना ही होगा।

लोक देवता का संबंध है लोकजीवन से जुड़ा हुआ है।जो लोग आस्था के कारण पूजे जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर लोक देवी देवता का एनसाइक्लोपीडिया बनाया जा रहा है। अपने प्रांत से 90 लोग देवी देवता की सूची बनाई गई है। भगैत परंपरा विशुद्ध गायन शैली है।भगत का अध्यात्मिक महत्व के रूप में प्रस्तुति दी जाती है। लोक देवता के रूप में कारु खिरहरि,राजा सल्हेस,बिहुला बिषहरी,वीर लोरिक,दीनाभद्री की गाथा भक्ति भाव से गायी जाती है।लोक देवता के प्रति आराधना करने पर मनोकामना पूर्ण होती है।यही कारण प्रत्येक गांव में ब्रह्म स्थान मे पूजा की जाती है। इस मौके पर साहित्य परिषद के द्वारा महाकवि विद्यापति साहित्य सम्मान उग्र मोहन झा, प्रेमचंद साहित्य सम्मान मांगन मिश्र मार्तंड, निबंध संपादन के लिए हजारी प्रसाद द्विवेदी साहित्य सम्मान श्रीकांत झा को सम्मानित किया गया। इस मौके पर उपाध्यक्ष श्याम लाल दास, रघुवंश झा, विकास वर्धन, कुमार विक्रमादित्य, मनोज कुमार, इंजीनियर रामेश्वर ठाकुर, मूर्तजा नरियारवी, डॉक्टर संजय वशिष्ट,पंडित आनंद झा सहित अन्य मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार / गोविंद चौधरी

   

सम्बंधित खबर