हादसे को दावत देते ठाणे पूर्व में पेड़ों पर लगे अवैध रौशनी के तार

मुंबई,23 जून ( हि.स.) ।मानसून में मूसलाधार बरसात से कभी पेड़ों के गिरने अथवा उन पर प्राकृतिक बिजली की घटनाएं अक्सर ही से होती रहती है ।इसलिए विशेषतः बरसात के मौसम में बिजली के वायर अक्सर सार्वजनिक स्थलों पर पोल या पेड़ों से दूर ही रखे जाते हैं लेकिन ठाणे के पूर्वी छोर में मानसून में हरे भरे पेड़ों पर बिजली के असुरक्षित तरीके से और अवैधानिक तरीके से लगाए गए हैं जो उनके पास से गुजरने वाले व्यक्ति अथवा पशुओं के लिए जानलेवा भी सिद्ध हो सकते हैं।बताया जाता है कि ठाणे शहर में सार्वजनिक सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पेड़ों पर अवैध रूप से बिजली की रोशनी लगाने का मामला सामने आया है। पिछले कुछ दिनों से ठाणे पूर्व में जीजामाता मार्ग पर दो पेड़ों पर बिजली की रोशनी लगाई गई है और मानसून के दौरान इस तरह की रोशनी से न केवल पेड़ों को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।

इससे बिजली के झटके, शॉर्ट सर्किट, पेड़ों में आग लगने की संभावना के साथ-साथ सार्वजनिक सड़कों पर दुर्घटनाएं होने का खतरा है। उल्लेखनीय है कि इस तरह की चीजें केवल सौंदर्य प्रयोजनों के लिए की जा रही हैं - लेकिन इससे पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

उल्लेखनीय है कि ठाणे नगर निगम और उद्यान विभाग ने पेड़ों पर बिजली की रोशनी लगाने पर स्पष्ट रूप से रोक लगा दी है। फिर भी, किसकी अनुमति से, किसकी सहमति से यह अवैध कार्य चल रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों ने नगर निगम पर इस मामले में आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया है।

पर्यावरण प्रेमी पंडालिक घाग का कहना है कि पेड़ों पर बिजली की रोशनी डालना गलत है और अगर वे इस तरह से पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए।

ठाणे मनपा के वृक्ष प्राधिकरण विभाग, भी पेड़ों पर अवैध रूप से बिजली के तार लगाकर रोशनी लगाने पर स्थानीय लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है।

इधर ठाणे मनपा के स्थानीय नागरिकों, पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर कड़ा रोष व्यक्त किया है और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है।पेड़ सजावट की वस्तु नहीं है।वे जीवन देने वाले है और पर्यावरण के लिए संजीवनी का काम करते हैं।यदि उनका अस्तित्व खतरे में है तो यह हमारे लिए लज्जास्पद है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा

   

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