ज्येष्ठा नक्षत्र-रवि योग में बुधवार को मनेगा राधा रानी का जन्मोत्सव

जयपुर, 10 सितंबर (हि.स.)। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी बुधवार को राधा अष्टमी का पर्व भक्ति भाव से मनाया जाएगा। छोटीकाशी के देवालयों में राधा जी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई जाएगी। फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि राधा अष्टमी के दिन रवि योग बनने से इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का विशेष फल मिलेगा। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात्रि में ग्यारह बजे शुरू हो जाएगी। जिसका समापन अगले दिन 11 सितंबर को रात्रि में 12 बजे होगा। उदयातिथि के आधार पर राधा अष्टमी का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। लाड़ली जी की पूजा का समय सुबह 11. 03 मिनट से दोपहर 01. 32 मिनट तक विशेष शुभ रहेगा। पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 29 मिनट रहेगी। राधा अष्टमी पर ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह से रात 9. 22 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से मूल नक्षत्र प्रारंभ है।

राधाष्टमी का मुख्य उत्सव बुधवार को गोविंद देवजी मंदिर में होगा। मंगला झांकी दर्शन सुबह 4 बजे होंगे। इसके बाद 4.45 बजे प्रिया जी (राधा रानी जी) के अभिषेक कर दर्शन खोले जाएंगे। राधा रानी जी का दूध, दही, घी, बूरा, शहद से पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। खास बात यह है कि राधा जी के अभिषेक के समय ठाकुर जी की प्रतिमा पर पर्दा किया जाएगा। यानी राधा जी के अभिषेक के समय ठाकुर जी के दर्शन नहीं होंगे। इसके बाद महाआरती के दर्शन होंगे। पंचामृत का निशुल्क वितरण मंदिर परिसर में किया जाएगा। इसके बाद धूप झांकी खोली जाएगी। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत (पीली) पोशाक एवं विशेष अलंकार श्रृंगार धारण कराए जाएंगे। पंजीरी, लड्डू, मावा की बर्फी का भोग अर्पण किया जाएगा। धूप झांकी में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्रीजी का अधिवास पूजन किया जाएगा। छप्पन भोग झांकी के दर्शन होंगे। श्रृंगार झांकी में बधाई-उछाल कर श्री राधा रानी जी का उत्सव मनाया जाएगा। संध्या काल में ठाकुर श्रीजी की विशेष फूल बंगला झांकी के दर्शन होंगे। विशेष उत्सव दर्शन झांकी शाम 7 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक होंगे। इसके बाद शयन झांकी खोली जाएगी।

जयपुर के जगतपुरा स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में बुधवार को राधा-अष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी। राधा अष्टमी के दिन मंदिर परिसर में मंगला आरती के बाद भक्त राधिका अष्टम का जाप होगा। जिसके बाद दिनभर भजन कीर्तन का आयोजन होगा। राधा अष्टमी को राधा रानी का जन्मदिन है । इस दिन राधा कृष्ण का महाभिषेक किया जाएगा।

मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दास ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को समझने के लिए हमे राधा रानी की कृपा की आवश्यकता होती है। उनकी कृपा से ही हम भक्ति पथ पर अग्रसर हो सकते है। राधा कृष्ण की आदिशक्ति है वह कृष्ण को बहुत प्रिय है। हम सब कृष्ण से प्रेम करने का प्रयास करते है और कृष्ण राधा से प्रेम करते है। उन्होने बताया कि राधा-अष्टमी के दिन संध्या के समय भगवान कृष्ण और राधा का महाभिषेक किया जाएगा।

रामगंज स्थित लाडली जी के मंदिर में महंत के सानिध्य में हवाई गर्जना के साथ राधा जी का जन्माभिषेक किया जाएगा। पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथजी का मंदिर, चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदरजी मंदिर, गोनेर रोड स्थित राधा गोविन्दजी मंदिर, चांदनी चौक स्थित देवस्थान विभाग के ब्रजनिधिजी मंदिर, चांदनी चौक स्थित आनंद कृष्ण बिहारी सहित विभिन्न कृष्ण मंदिरों में भी राधाजी के जन्मोत्सव पर अभिषेक के बाद नवीन पोशाक धारण करवा कर शृंगार किया जाएगा। इसके अलावा पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में राधाष्टमी धूमधाम से मनाई जाएगी और राधा रानी के लाड़ लड़ाया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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