सवाई माधोपुर से कोटा ट्रैक पर स्थापित 'कवच' सिस्टम का रेल मंत्री वैष्णव ने किया ट्रायल

जयपुर, 24 सितंबर (हि.स.)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार काे राजस्थान के एक दिवसीय दाैरे पर रहे। उन्हाेंने सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक ट्रेन के लोको में सफर किया। स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम) कवच 4.0 की टेस्टिंग की। इससे पहले उन्हाेंने जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्यों का अवलोकन किया।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार काे राजस्थान में 'कवच 4.0' की टेस्टिंग की। उन्होंने सवाई माधोपुर से काेटा के सुमेरगंज मंडी तक ट्रेन के लोको में सफर किया। कवच सिस्टम दो ट्रेनों को आमने-सामने आने पर ऑटोमैटिक रोकने का काम करता है। इसके साथ ट्रेन की स्पीड को भी कंट्रोल में रखता है। लोको पायलट ने ट्रेन को 130 किमी तक दौड़ाया। जैसे ही ट्रेन एक रेलवे फाटक के पास आई, कवच सिस्टम ऑन हो गया। फाटक खुला था, इसलिए कवच सिस्टम ने ट्रेन काे 50 मीटर दूर ही रोक दिया। लोको पायलट ने ट्रेन की स्पीड को 130 किमी तक बढ़ाया। कवच सिस्टम ने क्षेत्र के लिए ट्रेन की स्पीड काे नियंत्रित किया और गति 130 किमी तक हो गई। इस टेस्ट को परमानेंट स्पीड रस्ट्रिक्शन टेस्ट कहते हैं। रेल कवच एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है। इसे ‘ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम’ कहते हैं। यह भारत में 2012 में बनकर तैयार हुआ था। इंजन और पटरियों में लगे इस डिवाइस की मदद से ट्रेन की ओवर स्पीडिंग को कंट्रोल किया जाता है। इस तकनीक में किसी खतरे का अंदेशा होने पर ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाता है। तकनीक का मकसद ये है कि ट्रेनों की स्पीड चाहे कितनी भी हो, लेकिन कवच के चलते ट्रेनें टकराएंगी नहीं। सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 सर्टिफाइड रेल कवच को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने बनाया है। सर्दियों में ट्रेन का ड्राइवर घने कोहरे की वजह से सिग्नल की अनदेखी कर देता है। यानी उसे यह नहीं पता चल पाता है कि सिग्नल ग्रीन है या रेड। ऐसी स्थिति में रेल कवच ऑटोमैटिक ब्रेक लगाकर स्पीड को कंट्रोल में करता है। इससे घने कोहरे में भी सेफ तरीके से ट्रेन चलाने में मदद मिलती है और हादसा नहीं होगा।

इससे पहले केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के कार्यों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत में रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना चल रही है जो कि विश्व की सबसे बड़ी पुनर्विकास योजना है। उन्होने कहा कि देश भर में 1324 रेलवे स्टेशनो को पुनर्विकास किया जा रहा है उन्ही में से एक जयपुर का गांधी नगर रेलवे स्टेशन है। केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि गांधीनगर जयपुर स्टेशन पर दोनों प्रवेश द्वार पर बिल्डिंग के ढांचे का कार्य पूरा कर लिया गया है और फिनिसिंग कार्य प्रगति पर है। गांधीनगर स्टेशन पर 72 मीटर चौड़ाई वाले एयर कॉनकोर्स के निर्माण के लिए गर्डर लाँचिंग का काम पूरा किया है जो सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर स्टेशन के पुनर्विकास से स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होगी। स्टेशन पुनर्विकास में ऊर्जा खपत में कमी के लिए ग्रीन बिल्डिंग आधारित व्यवस्थाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा, वर्षा जल संचयन आदि जैसे संसाधनों युक्त होगी। स्टेशन पर लगभग 1400 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया जाएगा।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई। यह एक टेम्परेरी व्यवस्था थी जो पूरी तरह समाप्त हो गई। अब विपक्षी दल भले ही कितना ही भ्रम फैलाएं, लेकिन इसके वापस लागू होने की कोई संभावना नहीं है। विपक्ष सिर्फ भ्रम फैला रहा है। उनकी बातों पर कोई विश्वास नहीं कर रहा है। आज भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार के प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में भारत के संविधान के अनुसार चुनाव हो रहे हैं। जनता में भारी उत्साह है। पहले चरण में मतदाता बढ़-चढ़ कर मतदान के लिए भाग ले रहे हैं। चुनाव परिणाम अच्छे आएंगे।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। ये शिष्टाचार भेंट थी। दोनों नेताओं ने राजस्थान में रेल नेटवर्क को और अच्छा कैसे किया जाए, दूसरे राज्यों से जयपुर को कैसे जोड़ा जाए, इस पर चर्चा की। इस दौरान वैष्वण ने सीएम भजन लाल को आश्वत किया कि राज्य सरकार जब भी जो भी डिमांड केंद्र सरकार से रेलवे को लेकर रखेगी उसे प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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