राजस्थान में रेलवे विकास को मिली रफ्तार, 2014-2024 में दोगुनी गति से बिछी रेल लाइनें

जयपुर, 26 मार्च (हि.स.)। राजस्थान में 2009-2014 की तुलना में 2014-2024 के दौरान प्रति वर्ष औसतन दोगुनी रेल लाइनें बिछाई गईं। यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शशि किरण के अनुसार, लोकसभा सत्र के दौरान सांसद हरीश चंद्र मीना ने राजस्थान में रेल परियोजनाओं की समयबद्ध पूर्णता को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में प्रश्न किया था। इस पर रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2009-2014 के बीच राजस्थान में 798 किलोमीटर नई रेलवे लाइन बिछाई गई, जो औसतन 159.6 किलोमीटर प्रतिवर्ष थी, जबकि 2014-2024 के दौरान 3,742 किलोमीटर नई रेलवे लाइन बिछाई गई, जो औसतन 374.2 किलोमीटर प्रतिवर्ष है।

उन्होंने बताया कि राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और उनका कार्यान्वयन जारी है। इनमें प्रमुख रूप से तिरंगा हिल- अंबाजी- आबू रोड, नीमच- बड़ी सादड़ी, रींगस- खाटू श्याम जी, पुष्कर- मेड़ता, और रास- मेड़ता सिटी नई रेल लाइनें शामिल हैं। इसके अलावा, देवगढ़-नाथद्वारा गेज परिवर्तन और अजमेर- चंदेरिया, लूणी- समदड़ी- भीलड़ी, चूरु- रतनगढ़, चूरु- सादुलपुर, जयपुर- सवाई माधोपुर रेलवे लाइनों के दोहरीकरण का कार्य भी प्रगति पर है।

रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे परियोजनाओं के प्रभावी और त्वरित क्रियान्वयन के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं, जिससे प्रदेश में रेलवे अवसंरचना को मजबूती मिली है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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