देश के 60 रेलवे स्टेशनों पर केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर जाने की मिलेगी अनुमति
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- Mar 07, 2025

-त्योहारी सीजन व महाकुंभ से सीख लेते हुए रेलवे ने 60 व्यस्त स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के उपायों की घोषणा की
नई दिल्ली, 7 मार्च (हि.स.)। रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें त्योहारी सीजन और महाकुंभ के अनुभवों के आधार पर देश के 60 व्यस्त स्टेशनों पर स्थायी प्रतीक्षालय बनाने और सभी प्रमुख स्टेशनों पर एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन निदेशक बनाने सहित कई अहम निर्णय लिए गए। केवल कन्फर्म रिजर्व टिकट वाले यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है।
रेल मंत्रालय ने बैठक का ब्योरा साझा करते हुए बताया कि पिछले त्योहारी सीजन और महाकुंभ के अनुभवों के आधार पर देशभर के 60 स्टेशनों के बाहर स्थायी प्रतीक्षालय बनाए जाएंगे, जहां नियमित रूप से यात्रियों की भारी भीड़ रहती है। इस पहल के लिए नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और पटना स्टेशनों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं। इस व्यवस्था से अचानक आने वाली भीड़ को वेटिंग एरिया में नियंत्रित किया जा सकेगा। ट्रेन आने पर ही यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी, जिससे स्टेशन पर भीड़भाड़ कम होगी। इन 60 स्टेशनों पर पूरी तरह से प्रवेश नियंत्रण लागू किया जाएगा। केवल कन्फर्म रिजर्व टिकट वाले यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी। बिना टिकट यात्री या प्रतीक्षा सूची टिकट वाले यात्री बाहरी वेटिंग एरिया में रुकेंगे। सभी अनधिकृत प्रवेश बिंदु सील कर दिए जाएंगे।
12 मीटर (40 फीट) और 6 मीटर (20 फीट) चौड़ाई वाले दो नए स्टैंडर्ड फुट-ओवर ब्रिज (एफओबी) डिजाइन किए गए हैं। ये चौड़े एफओबी और रैंप महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में बहुत प्रभावी साबित हुए। ये नए एफओबी सभी स्टेशनों पर लगाए जाएंगे। महाकुंभ के दौरान भीड़ नियंत्रण में कैमरों की अहम भूमिका रही। सभी स्टेशनों और आसपास के इलाकों में कड़ी निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कैमरे लगाए जाएंगे। बड़े स्टेशनों पर वॉर रूम बनाए जाएंगे। भीड़भाड़ की स्थिति में सभी विभागों के अधिकारी वॉर रूम में काम करेंगे।
अत्याधुनिक डिज़ाइन वाले डिजिटल संचार उपकरण जैसे वॉकी-टॉकी, घोषणा प्रणाली और कॉलिंग प्रणाली भारी भीड़ वाले सभी स्टेशनों पर लगाए जाएंगे। सभी स्टाफ और सेवा कर्मियों को नए डिज़ाइन के आईडी दिया जाएगा, जिससे केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही स्टेशन में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। इसके अलावा स्टाफ को नए डिज़ाइन की यूनिफॉर्म दी जाएगी ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें आसानी से पहचाना जा सके।
सभी प्रमुख स्टेशनों पर एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन निदेशक बनाया जाएगा। सभी अन्य विभाग स्टेशन निदेशक को रिपोर्ट करेंगे। स्टेशन निदेशक को वित्तीय अधिकार दिए जाएंगे ताकि वे स्टेशन सुधार के लिए तत्काल निर्णय ले सकें। स्टेशन निदेशक को स्टेशन की क्षमता और उपलब्ध ट्रेनों के अनुसार टिकट बिक्री को नियंत्रित करने का अधिकार दिया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार