मिनरल से भरपूर स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम है जमीन के अंदर संरक्षित बरसाती पानी : सी आर पाटिल

सूरत के वीएनएसजीयू कैम्पस में जल संचय योजना का शिलान्यास करते केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर  पाटिल।

-केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने जलसंचय जनभागीदारी योजना की वीर नर्मद यूनिवर्सिटी में कराई शुरुआत

-यूनिवर्सिटी के 210 एकड़ के कैम्पस में 200 से अधिक वाटर रिचार्ज बोरवेल बनेगा

सूरत, 27 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने शुक्रवार को सूरत के वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी (वीएनएसजीयू) के 210 एकड़ विस्तृत कैम्पस में 200 से अधिक वाटर रिचार्ज बोरवेल बनाने के काम का भूमिपूजन किया। प्रथम 5 बोरबेल का काम शुक्रवार को शुरू हो गया।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैच दी रेन अभियान के तहत सूरतवासियों को बरसाती पानी के संग्रह का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि अपने घर, सोसायटी में अधिक से अधिक बोरवेल बनावाएं, जिससे बरसाती पानी का जमीन के अंदर संग्रह बढे़। उन्होंने कहा कि विकास मॉडल के रूप में विख्यात सूरत को जल संचय में भी अग्रणी रहते हुए देश के लिए नई राह दिखा सके। जलसंचय को केन्द्रीय मंत्री ने जनभागीदारी की योजना बताते हुए कहा कि सरकार की मदद के साथ नागरिक, स्थानीय संस्था और उद्योगों के सामूहिक प्रयास से आगामी वर्षों में पानी की कमी की समस्या से सम्पूर्ण रूप से छुटकारा मिल सकता है। शहर के साथ ही गांवों में भी योजना के जरिए बरसाती पानी को बहने से रोककर घरों और खेतों में पानी की कमी की समस्या दूर की जा सकती है। इसके जरिए अतिवृष्टि या अनावृष्टि जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।

केन्द्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि सभी घरों या घरों के समीप बोरवेल बनाकर कम से कम एक लाख लीटर पानी का संग्रह किया जा सकता है, जिसका उपयोग दैनिक इस्तेमाल में किया जा सकता है। इसके अलावा गांवों में बारिश के बहते पानी का संग्रह करने से कुओं के जलस्तर और गुणवत्ता में भी सुधार आता है। पाटिल ने कहा कि जमीन के अंदर संग्रहित बरसाती पानी में कई तरह के खनिज लवण (मिनरल्स) होते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम हैं।

पाटिल ने इस अवसर पर शहरों में जल-जमाव की समस्या दूर करने के संबंध में सुझाव देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों के आसपास बरसाती पानी के संग्रह के लिए अधिक से अधिक बोर बनाने की जरूरत है। इससे जल जमाव की समस्या के दूर होने के साथ ही सड़क भी सुरक्षित रहेगी। जल संरक्षण के साथ ही उन्होंने एक पेड़ मां के नाम के अभियान के तहत पौधरोपण की भी अपील की।

इस अवसर पर सूरत संसदीय क्षेत्र के सांसद मुकेश दलाल, विधायक मनुभाई पटेल, महापौर दक्षेश मावाणी समेत वीएनएसजीयू के कुलपति किशोरसिंह चावडा मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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