व्यापार मेले में लाख से बनी चूड़ियां और वस्तुएं बनीं आकर्षण का केन्द्र

जयपुर / नई दिल्ली, 20 नवंबर (हि.स.)। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला के राजस्थान पवेलियन में लाख से बनी चूडियों एवं लाख से बनी अन्य वस्तुएं दर्शकों विशेषकर महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं।

राजस्थान मंडप के स्टॅाल न. 3 व 6 में जयपुर से पहुंचे लाख के कारीगर इस्लाम अहमद ने बताया कि भारतीय संस्कृति में लाख को बहुत ही शुभ माना जाता है, विशेषतौर पर भारतीय नारियों में इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है। लाख से बनी चूडियां पहनकर स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु की कामना करती हैं। वे बताते हैं कि लाख हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। शादी या विवाह का अवसर हो या मकान की नींव भरने का समय, बच्चे के जन्म का मौका हो या सगाई इत्यादि के अवसर पर लाख की चूडियां, दुल्हन को सुहाग के प्रतीक के रूप में पहनना अनिवार्य समझा जाता है। शादी तथा तीज त्याेहारों, होली, दीवाली व अनेक खुशी के अवसरों पर लाख की चूड़ियों का तथा लाख की अन्य वस्तुओं का आदान- प्रदान किया जाता है। लाख को सोने के जेवरों में भी भरा जाता है। उन्होंने बताया कि विश्व के कई राष्ट्राध्यक्षों को उनके जयपुर आगमन पर इनके परिवार की ओर से लाख निर्मित वस्तुएं भेंट की गईं थी।

दिल्ली के व्यापार मेले में मिले उत्साहजनक परिणाम से अभिभूत इस्लाम अहमद ने जयपुर में बताया कि आज लाख कला सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। फिर चाहे लाख की चूडियां हों या सजावटी या दैनिक उपयोग की वस्तु सभी में यह प्रयोग किया जाता है। इनमें अगरबत्ती स्टेण्ड, हाथीए घोड़ा, ऊंट, एश ट्रे, चाबी के छल्ले, फोटो फ्रेम, शीशा, ज्वैलरी बाक्स, फ्रूट प्लेट, टेबल डायरी, ग्लास इत्यादि चीजें ही क्यों न हो, लाख कला जगत को ये सब वस्तुएं उन्हीं के परिवार की देन हैं।

दिल्ली के व्यापार मेले में लोग बड़ी संख्या में हमारे स्टाल पर आ रहे हैं और हमारे कार्य की सराहना कर रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप

   

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