नेटथिएट पर राजस्थानी नाटक चौखा‌ की आस

जयपुर, 17 नवंबर (हि.स.)। जयपुर नेट थिएट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज नाद सोसायटी के रंगमंडल द्वारा अनिल मारवाड़ी द्वारा लिखित और निर्देशित ढुढाडी भाषा का नाटक चोखा की आस का सफल मंचन किया गया। नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि इंसान भक्ति करता है तो उसे भगवान फल जरूर देता है लेकिन जब उसका परिवार लालची बन जाता है तो बर्बाद होता है।

कथाकार गांव के पंडित जी भजन गाने का शौक रखते हैं लेकिन उनकी पत्नी इस बात से जलती है। इस भजन गाने की शौक से वह अपना घर का खर्चा नहीं चला पाता एक बार इस बात पर पंडिताइन झगड़ा कर लेती है और पंडित जी की बेज्जती कर घर से बाहर निकाल देती है। पंडित इसे अपनी बेइज्जती समझ आत्महत्या करने के लिए चले जाते। जंगल में उन्हें एक हंस मिलता है और वह उन्हें भजन गाने की एवज में एक खजाने का पता देता है। जो की एक शेर की गुफा होती है किंतु पंडित जी थोड़ा सा धन लेकर चले जाते हैं, जब इस बात का पंडिताइन को पता चलता है तो बड़ी नाराज होती है और फिर से जंगल जाने के लिए कहती है, पंडित जी दोबारा हंस के पास जाते है तो वहां हंस की जगह एक कौवा मिलता है वो पंडित जी को गुफा से सारा धन ले जाने के लिए कहता है। किंतु जैसे ही पंडित जी गुफा में जाते है तो वहां शेर आ जाता है और उन्हें मार कर खा जाता है और पंडित जी की मृत्यु हो जाती है।

इस नाटक में वरिष्ठ रंग कमी मनोज स्वामी, रेनू सनाढ्य, अर्जुन देव, धृति शर्मा, जिवतेश शर्मा ने अपने पात्रों को जीवंतता से जी कर अभिनय की दर्शकों पर छाप छोड़ी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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