प्रदेश की जनता पर टैक्स थोप रही सुक्खू सरकार : राजीव बिंदल

शिमला, 9अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस की सुक्खू सरकार के ग्रामीण इलाकों में पेयजल कनेक्शन पर शुल्क लगाने के फैसले की विपक्षी दल भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार आम जनता पर टैक्स थोप रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने शुक्रवार को शिमला में कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही डीजल पर टैक्स में 7 रुपये बढ़कर जनता पर 2500 करोड़ का बोझ डाल दिया है। एचआरटीसी में सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं को हटाकर जनता को त्रस्त करने का काम किया है। इसमें सामान पर शुक्ल लगाना, एचआरटीसी बसों में रियायती सुविधा का लाभ उठाने वाले सभी पुलिस कर्मियों, जेल अधिकारी, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सुरक्षा सेवाएं स्टाफ को एचआरटीसी बस में यात्रा के लिए यात्रा की प्रतिपूर्ति की जाएगी। कांग्रेस सरकार आने वाले समय में बस किराया बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव आते हैं तो सरकार के खजाने भर जाते हैं। जैसे ही चुनाव समाप्त हो जाते हैं, वैसे ही आत्मनिर्भर की गाथा शुरू हो जाती है और टैक्स भी शुरू हो जाता हैं। चुनाव में गारंटी और चुनाव के बाद किसान और जनता को महंगाई का तूफान ला देती है यह कांग्रेस सरकार।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में बिजली दरों में 19 फीसदी तक सेस का इजाफा कर दिया गया। 125 यूनिट की निशुल्क बिजली योजना बंद होने से करीब साढ़े दस लाख उपभोक्ता इस योजना से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा शासित जयराम ठाकुर की सरकार ने साल 2022 में 14 लाख उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली योजना से फायदा पहुंचा दिया था। कांग्रेस ने 300 यूनिट बिजली का वादा किया था, वह तो अब एक सपना ही बन कर रह गया।

राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अब तो पानी काे भी महंगाई के गोले में ले लिया है। गांव में जनता का मुफ्त पानी बंद कर दिया गया है। हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अब पानी के बिल चुकाने होंगे। लोगों से अब हर महीने पानी का 100 रुपये बिल प्रति कनेक्शन वसूला जाएगा। इसके अतिरिक्त अब जनता को 50 हजार की इनकम सर्टिफिकेट देना होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में 10 हजार पेयजल योजनाओं का पानी पी रहे 17 लाख उपभोक्ताओं को पानी की कीमत चुकानी होगी। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल करीब 856 करोड़ रुपये का बोझ डाल दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के सस्ते राशन के डिपुओं में मिलने वाला सरसों तेल महंगा हो गया है। डिपुओं में सरसों का तेल 13 रुपये महंगा हाे गया है। जिसका सीधा असर प्रदेश के साढ़े 19 लाख राशनकार्ड धारकों पर पड़ेगा। बिंदल ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने 1500 संस्थान, स्कूल, सहारा योजना, हिम केयर, शगुन योजना, स्वभलंबन योजना को निर्जीव कर दिया गया। इस सभी योजनाओं के लिए धन का प्रबंधन नहीं किया जा रहा है, जिससे हिमाचल के सभी वर्गों को मिल रहे लाभ को रोक दिया गया है। सरकार की मंशा जनता को मिल रही सुविधा से दूर करना है।

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील कुमार सक्सैना

   

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