हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर: राजेश धर्माणी
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- Jan 30, 2025
शिमला, 30 जनवरी (हि.स.)। राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर और समृद्धशाली राज्य बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। धर्माणी ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व को सराहा और कहा कि प्रदेश में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जा रहा है, साथ ही राज्य के संसाधनों का समुचित उपयोग कर समग्र विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
धर्माणी ने गुरूवार काे एक बयान में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता देने की बात की। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने कृषि उत्पादों को बाजार से जोड़ने के लिए कई पहल की हैं। प्राकृतिक पद्धति से उगाए गए गेहूं के लिए 40 रुपये और मक्की के लिए 30 रुपये प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जो गेहूं, मक्की और दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने 400 मीट्रिक टन मक्की की खरीद सुनिश्चित की है और उसका बेहतर विपणन सुनिश्चित करने के लिए 'हिम-भोग' आटा लॉन्च किया है, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं।
इसके अलावा, गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपये और भैंस के दूध का 55 रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया है। मंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेयरी सेक्टर के विस्तार के उद्देश्य से कई दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें शिमला के दत्तनगर में 50 हजार मीटर लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला संयंत्र शुरू किया गया है, जबकि कांगड़ा के ढगवार में 1.5 से 3 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कुल्लू, नाहन, नालागढ़, ऊना और हमीरपुर में भी 50-50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दूरस्थ गांवों में भी दूध खरीद केंद्र स्थापित किए हैं, जिससे दूध की खरीद में वृद्धि हुई है। छोटे किसानों और पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए जैविक खाद और वर्मी कंपोस्ट खरीदने की योजना शुरू की गई है। साथ ही, मनरेगा दिहाड़ी में 60 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि कर इसे 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया है।
धर्माणी ने यह भी कहा कि पर्यटन क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है और प्रदेश सरकार इस क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए कार्य कर रही है। गोबिंद सागर झील और अन्य जलाशयों में शिकारा, हाउसबोट, जेट-स्की जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं। इसके अलावा, कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए 3500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और भूमि अधिग्रहण के लिए 355 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 16 हेलीपोर्ट का निर्माण भी चल रहा है।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एक्साइज, टूरिज्म, पॉवर और माइनिंग पॉलिसी में बदलाव कर 2000 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है, जो प्रदेश के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला