राजीव जसरोटिया ने डॉ. जितेंद्र सिंह से की मुलाकात, होम्योपैथी कॉलेज में पहले शैक्षणिक सत्र की शुरुआत पर किया आभार व्यक्त

कठुआ 26 अक्टूबर (हि.स.)। जसरोटा के विधायक राजीव जसरोटा ने नई दिल्ली में प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और कठुआ में नए स्वीकृत होम्योपैथी कॉलेज को आधिकारिक तौर पर अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू करने की मंजूरी मिलने के बाद उनका आभार व्यक्त किया, जो जम्मू और कश्मीर के लिए स्वास्थ्य देखभाल और शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जसरोटिया ने हालांकि डॉ. जितेंद्र सिंह से भारत माला परियोजना के तहत कठुआ के राजबाग से डोडा तक एनएचएआई परियोजना जल्द शुरू करने की मांग की। लखनपुर-बसोहली-बनी-भद्रवाह-डोडा राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसमें नए मार्ग का खुलासा किया गया है। यात्रा की दूरी 100 किलोमीटर से अधिक कम हो जाएगी। वर्तमान में, एनएच44 के माध्यम से लखनपुर से डोडा तक की यात्रा लगभग 260 किलोमीटर तक फैली हुई है। नया राजमार्ग इस दूरी को घटाकर लगभग 140 किलोमीटर कर देगा, जिससे यात्रा काफी आसान हो जाएगी और पहुंच में वृद्धि होगी। उल्लेखनीय विशेषताओं में प्रस्तावित बालासुंदरी सुरंग है, जो बिलावर में माता बालासुंदरी की पहाड़ियों के माध्यम से राजबाग से मार्ग को सुव्यवस्थित करेगी, जिससे बसोहली और बनी में शीतलनगर के बीच की दूरी कम हो जाएगी।

इसके अतिरिक्त, 6.8 किलोमीटर लंबी चत्रगला सुरंग चत्रगला टॉप को दरकिनार करते हुए तत्कालीन डोडा क्षेत्र को कठुआ से जोड़ेगी। जसरोटिया ने परियोजना के आर्थिक और सामाजिक लाभों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लखनपुर-डोडा राजमार्ग क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित होगा, पर्यटन को बढ़ावा देगा, सुरक्षा बढ़ाएगा और जम्मू-कश्मीर की समग्र प्रगति में योगदान देगा। विकसित भारत और विकसित जम्मू-कश्मीर बनाने के लिए भारत के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए जसरोटिया ने कहा कि सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं और नारी शक्ति पर केंद्रित है। क्योंकि यह सरकार ’सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र में विश्वास करती है। जसरोटिया ने कहा कि कठुआ सौभाग्यशाली है कि इसका विकास मोदी ने किया और डॉ. जतिंदर सिंह का आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा कि कठुआ देश के सबसे विकसित लोकसभा क्षेत्रों में उभरा है। यह एकमात्र निर्वाचन क्षेत्र है जिसमें तीन मेडिकल कॉलेज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग, उत्तर भारत में पहली नदी कायाकल्प, अर्थात् रिव देविका सफाई परियोजना, उत्तर भारत का पहला होम्योपैथी कॉलेज है। उत्तर भारत का पहला बायोटेक पार्क, कई राष्ट्रीय राजमार्ग और कई राष्ट्रीय जलविद्युत परियोजनाएं, इसके अलावा दो वंदे भारत ट्रेनें और कई अन्य लाभ मिले हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

   

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