कलियुग में भवसागर से पार के लिए करें राम नाम का सुमिरन: पं.रामगोपाल तिवारी

-मोतिहारी में नौ-दिवसीय मानस सत्संग हुआ शुरू

पूर्वी चंपारण, 11 नवंबर (हि.स.)।जिला मुख्लाय मेतिहारी शहर स्थित नरसिंह

नप-ननबाबा मंदिर परिसर में मानस सत्संग समिति के तत्वावधान में सोमवार को श्रीरामचरितमानस नवान्हपारायण यज्ञ एवं श्रीराम कथा की आयोजन का शुभारंभ हुआ। नौ दिवसीय श्रीराम कथा का प्रारंभ मानस सत्संग समिति के अध्यक्ष प्रो. शोभाकांत चौधरी के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

बांदा चित्रकूट से पधारे सुविज्ञ कथावाचक डॉ. पं रामगोपाल तिवारी, मानस रत्न नें श्रीराम कथा का आरंभ करते हुए बताया कि इस कलियुग में भवसागर से पार पाने में केवल राम नाम का सुमिरन एवं श्रीराम कथा का श्रवण ही सर्वथा समर्थ है। उन्होंने सबसे पहले रामचरितमानस के उत्पत्ति का विवेचन किया। बताया कि यह राम कथा सर्वप्रथम जगदंबा पार्वती से भूत-भावन भगवान महादेव ने कहा और उनसे ही यह अमृतमय कथा का प्रवाह काकभुशुण्डि जी तथा याज्ञवल्क्य ऋषि के माध्यम से अवतरित हुई।

गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा हम कलिकाल की माया से ग्रस्त जीवों के उद्धार हेतु लोकभाषा में इस अमृत कथा को सार्वजनिक बनाया गया। उन्होने परब्रह्म परमात्मा सर्वव्यापी राम के अवतरण पर भी प्रकाश डाला और यह बताने का सफल प्रयास किया कि किस प्रकार हमारे जीवन में पूर्ण परात्पर ब्रह्म राम का प्रवेश हमारे जीवन को धन्य बनाएगा। इस अवसर पर प्रो. सुरेश चन्द्र, अवध किशोर द्विवेदी, प्रभु प्रसाद, संजय तिवारी, राममनोहर समेत सैकड़ों रामभक्त उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

   

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