रामसत्ता से पितरों के प्रति होता है श्रद्धा का समर्पण

ग्राम दर्री में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देते हुए कलाकार।

धमतरी, 25 सितंबर (हि.स.)।आधुनिकता के दौर में जब परंपरा, संस्कृति, रीति रिवाज भी प्रभावित हो रही है, ऐसे में महानदी के तट पर बसा गांव दर्री आज भी संस्कृति को सहेजे हुए है।यहां 7 दशक से अनवरत रामसत्ता का आयोजन होते आ रहा है। आयोजन में ग्रामीणों की सहभागिता देखते ही बनती है। पितृपक्ष में गांव में भक्तिमय माहौल रहता है।

धमतरी शहर से लगे हुए ग्राम दर्री में आज भी 78 वर्षों से चली आ रही पितृपक्ष में रामसत्ता के माध्यम से अखण्ड रामधुनी के माध्यम से अपने पूर्वजों के प्रति आस्था व श्रद्धा का समर्पण किया जा रहा है। भगवान राम से गांव की सुख समृद्धि व शांति की प्रार्थना की जाती है। इस वर्ष भी ग्राम के मुख्य चौक पर इस परंपरा को कायम रखते हुए रामधुनी का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में धमतरी के अलावा आसपास के गांव से पहुंची मानस मंडलियां रामचरित मानस का संगीतमय प्रस्तुति दे रही हैं। कार्यक्रम देखने के लिए दर्री के अलावा खरेंगा, कोलियारी, कलारतराई सहित अन्य गांव से ग्रामीण पहुंच रहे हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश साहू संघ के महामंत्री दयाराम साहू ने कहा कि पितृ पक्ष में अपने पितरों के प्रति तर्पण के साथ ही सामूहिक रूप से प्रभु राम का नाम जपने से स्वयं का जीवन भी धन्य होता है। हमारी पूर्व एवं भविष्य की पीढ़ियां भी भगवान राम के नाम से तर जाती है, इसलिए आने वाले समग्र समाज को इस परंपरा को आगे बढ़ाने की शिक्षा के साथ या आयोजन प्रतिवर्ष हमारे गांव में किया जाता है। कार्यक्रम को अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में माखनराम साहू रिटायर शिक्षक, विशु चक्रधारी, टेका पाड़े, शिव कुमार, ललित शुक्ला, पतराम यादव सहित ग्राम विकास समिति के सदस्य व समस्त ग्रामवासी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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