शहर में धूमधाम से मनाया रंगपंचमी महोत्सव

जोधपुर, 19 मार्च (हि.स.)। चैत्र कृष्णा पंचमी पर बुधवार को रंगपंचमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान शहर में आज कई कार्यक्रम हो रहे है। होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी का त्योहार बुधवार को मनाया जा रहा है। इस दौरान शहर के कृष्ण मंदिरों में धार्मिक आयोजनों की धूम मची हुई है, वहीं भीतरी शहर के गंगश्यामजी मंदिर में भक्तों ने होली खेली। शाम को भगवान का विशेष शृंगार किया जाएगा। पिछले कई सालों से चली आ रही पांड्या नृत्य की परंपरा के अनुसार नृत्य का आयोजन भी मंदिर परिसर में किया जायग जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।

मंदिर पुजारी मुरलीमनोहर व पुुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि शाम को भगवान को केसर होली खिलाई जाएगी। मंदिर पुजारी पिचकारी से भक्तों पर केसरिया रंग-गुलाल उड़ाएंगे। बाद में मंदिर परिसर को साफ पानी से धोया जाएगा। वहीं, रात 9 से 11 बजे तक पाण्ड्योजी नृत्य होगा। मंदिर पुजारी पुरुषोत्तम शर्मा पाण्ड्योजी बनेंगे व सौरभ शर्मा पाण्ड्वी बनेंगे। इसके साथ ही मंदिर में 45 दिन से चलने वाले फागोत्सव, कुसुमोत्सव, रंगोत्सव व होरियों का समापन पाण्ड्योजी नृत्य के साथ होगा।

यह है मान्यता

भगवान श्रीकृष्ण बसंत पंचमी पर रास खेलने के लिए वृन्दावन से देशभर में रास रमण के लिए चले गए। भगवान के वापस वृन्दावन नहीं आने पर उनके दूत पाण्ड्योजी उनको ढूंढऩे के लिए निकलते है और ढूंढ़ते-ढूंढ़ते भगवान मिलने पर उनको वृन्दावन धाम चलने के लिए विनती करते हैं। उनको साथ ले जाने के लिए रिझाते हैं व उनको वृन्दावन लेकर रवाना होते है। सदियों पुरानी इस परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है। पाण्ड्यो जी नृत्य के दौरान मंदिर में पाण्ड्योजी नाचे हरे-हरे के स्वर गूंजते रहते है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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