आने वाले वर्षों में परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोने की प्रासंगिकता बढ़ेगी: नागेश्वरन
- Admin Admin
- Mar 03, 2025
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नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंथा नागेश्वरन ने सोमवार को कहा कि आने वाले वर्षों में एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोना निवेशकों के लिए प्रासंगिक बना रहेगा। उन्होंने कहा कि सोना न केवल मूल्य, सांस्कृतिक और धार्मिक उद्देश्यों के रूप में बल्कि एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो विविधीकरण तंत्र के रूप में भी प्रासंगिक बना रहेगा।
नागेश्वरन ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 8वें आईजीपीसी-आईआईएमए वार्षिक स्वर्ण एवं स्वर्ण बाजार सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में एसेट क्लास के रूप में सोने की प्रासंगिकता और बढ़ेगी। भारत में सोने का आयात बढ़ रहा, जबकि निर्यात घटता जा रहा है। नागेश्वरन ने यह भी उम्मीद जताई कि भारत अपने पास मौजूद सोने की परिसंपत्तियों को उत्पादक रूप से उपयोग करने के तरीके खोजेगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि सोना न केवल मूल्य के भंडार, सांस्कृतिक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए आभूषण के रूप में भी प्रासंगिक रहेगा बल्कि एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो विविधीकरण तंत्र के रूप में भी यह प्रासंगिक रहेगा। जब तक कि दुनिया मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक गैर-प्रणाली से अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो जाती, तब तक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोने का महत्व बना रहेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीनों में सोने का मूल्य 200 डॉलर प्रति औंस यानी 8 फीसदी बढ़कर 2,860 डॉलर प्रति औंस हो गया है। वहीं, पिछले तीन महीनों में भारतीय शेयर बाजारों में 8 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर