- हाईकोर्ट में याचिका के बाद पद छोड़ने की चर्चा
वडोदरा, 08 जनवरी (हि.स.)। वडोदरा की महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी(एमएस यूनिवर्सिटी) के कुलपति (वीसी) विजय कुमार श्रीवास्तव ने अपने पद से इस्तीफा दिया। इनकी नियुक्ति फरवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने 14 वर्ष प्रोफेसरशिप का दावा किया था। लेकिन बताया जा रहा है कि वीसी के लिए तय क्राइटेरिया के अनुसार उनके पास कम से कम 10 वर्ष का भी प्रोफेसरशिप के लिए अनुभव नहीं था।
जानकारी के अनुसार वडोदरा के एमएस यूनिसर्विटी के वीसी विजय कुमार श्रीवास्तव का एक महीने का कार्यकाल अभी बाकी था। इसके उन्हाेंने उससे पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद इसकी सुनवाई शुरू हो गई थी। विजय कुमार श्रीवास्तव वीसी के लिए तय योग्यता के संबंध में साक्ष्य देने में विफल हुए थे। माना जा रहा है कि इसके बाद ही सरकार ने उनका इस्तीफा लेकर सरकारी वकील के माध्यम से कोर्ट में पेश किया है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात हाईकोर्ट में एमएस यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. सतीश पाठक ने याचिका दायर कर वीसी विजय कुमार की योग्यता को चुनौती दी थी। याचिका में बताया गया था कि वीसी की नियुक्ति करने लिए जो सर्च कमेटी बनाई गई थी, वह यूजीसी के नियमों के अंतर्गत नहीं बनी थी। विजय कुमार श्रीवास्तव के बतौर वीसी के रूप में नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया गया था। वीसी के तौर पर नियुक्ति के लिए यूजीसी ने जो न्यूनतम मापदंड तय किए हैं, उसे वे पूरा नहीं कर रहे थे। यूजीसी के नियमों के अनुसार वीसी के लिए कम से कम 10 वर्ष का अनुभव होना जरूरी है। उन्होंने प्रोफेसरशिप के तौर पर 14 वर्ष का अनुभव बताया था। लेकिन उन्हें 10 वर्ष का भी अनुभव नहीं होने की बात कही गई, जिससे विवाद शुरू हुआ था। उनके बायोडाटा के अनुसार 2015 से 7 वर्ष ही वे प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे। इसके साथ ही श्रीवास्तव ने दावा किया था कि वे वर्ष 2009 में पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी में कार्यरत थे, उस समय से वे बतौर प्रोफेसर थे। उनका दावा अब उनके इस्तीफे के बाद से गलत साबित होता दिख रहा है। कोर्ट में उनके 10 साल के अनुभव संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाने के कारण ही उन्हें समय पूर्व इस्तीफा देना पड़ा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय