
कोलकाता, 24 मार्च (हि.स.)। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत के इस हस्तक्षेप का पीड़िता के पिता ने स्वागत किया और विश्वास जताया कि न्याय जरूर मिलेगा।
उन्होंने कहा, न्यायाधीश ने सीबीआई को यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि इस अपराध में कितने लोग शामिल थे और आगे की कार्रवाई करने को कहा है। केस डायरी शुक्रवार को अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया है। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है और हमें पूरा विश्वास है कि न्याय होगा।
पीड़िता के माता-पिता ने मामले की जांच की धीमी गति और दोषियों को बचाने की कथित कोशिशों को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पीड़िता के पिता ने राज्य सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा, कभी वे कहते हैं कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, तो कभी आपत्ति जताते हैं। उनका रुख क्या है, यह हमें समझ नहीं आता। पहले पांच दिनों में उन्होंने क्या जांच की? क्या उन्हें इस जांच पर सवाल उठाने का भी अधिकार है?
पीड़िता की मां ने भी जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए दावा किया कि उनकी बेटी को अस्पताल में फर्जी दवाइयां, इंजेक्शन और सलाइन देने से इनकार करने पर प्रताड़ित किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया, सीबीआई अब तक ठीक से जांच नहीं कर पाई है। हमने शुरू से ही कहा था कि संजय रॉय अकेला मेरी बेटी की हत्या का आरोपी नहीं है। उसके सहयोगी, वीपी, संदीप घोष और अन्य भी इस संस्थागत हत्या में शामिल हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार इस जांच को बाधित कर रही है। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी सरकारी कर्मचारी थी और ड्यूटी के दौरान उसकी मौत हुई, लेकिन नौ अगस्त से ही सरकार जांच में अड़ंगा डाल रही है।
पीड़िता की मां ने स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री पर भी सवाल उठाए और कहा, उनकी जिम्मेदारी थी कि दोषियों की पहचान करें, लेकिन पहले दिन से ही इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। हम पीछे नहीं हटेंगे। भले ही देर हो, लेकिन हमें न्याय जरूर मिलेगा।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट में समानांतर सुनवाई की अनुमति दी, जिसके बाद पीड़िता के माता-पिता ने हाईकोर्ट में एक नई याचिका दायर कर सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर