हिसार : चैकिंग के नाम पर राइस मिलरों को दोनों हाथों से लूटा गया : बजरंग गर्ग

सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में चावल उद्योग बर्बादी की करगार पर

हिसार, 21 सितंबर (हि.स.)। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा है कि सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा चावल उद्योग बंद होने के करगार पर है। सरकार जो राइस मिलरों को धान देती है, 100 किलो धान के बदले 67.5 किलो चावल लेने का नियम बनाया हुआ है जो सरासर गलत है क्योंकि 100 किलो धान में 60 किलो चावल ही निकलता है।

बजरंग गर्ग ने शनिवार को कहा कि सरकार को मिलरों से 60 किलो चावल लेने का नियम बनाना चाहिए। धान की पिनाई करके चावल निकालने की मिलिंग 30 वर्षों से सिर्फ सरकार राइस मिलरों को 10 रुपए प्रति क्विंटल दे रही है जबकि धान पिनाई का खर्च लगभग 120 रुपए प्रति क्विंटल आता है। आजकल लेबर खर्च अनाप-शनाप बढ़ चुके हैं, राइस मिलरों को लागत का बैंक ब्याज इनकम तक नहीं होती। सरकार को धान पिनाई का 120 रुपए प्रति क्विंटल राइस मिलरों को देना चाहिए।

बजरंग गर्ग ने कहा कि भाजपा सरकार में खुलेआम भ्रष्टाचार का बोलबाला है। राइस मिलर जो चावल की गाड़ियां एफसीआई के लगाता है, चावल पास करने के नाम पर 10 हजार रुपए रिश्वत के नाम पर खुलेआम एफसीआई के अधिकारी राइस मिलरों से ले रहे हैं। जो राइस मिलर पैसे नहीं देता है तो उसका चावल एफसीआई के अधिकारी जानबूझकर रिजेक्ट कर देते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में व्यापारी लूटा है और किसान पीटा है। आज भाजपा सरकार से व्यापारी व उद्योगपति बेहद दुखी है। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि भाजपा सरकार ने राइस मिलरों की चेकिंग के नाम पर मिलरों में पुलिस बिठा दी गई है और चेकिंग के नाम पर सरकारी अधिकारियों ने राइस मिलरों को दोनों हाथों से लूटने का काम किया है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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