पूरे विश्व के लिए ब्रह्मांडीय ऊर्जा का स्रोत है रुद्र महायज्ञ: हरि गिरि महाराज

कानपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। अति रुद्र यज्ञ भगवान शिव की पूजा का एक अत्यधिक शक्तिशाली रूप है , जो पूरे विश्व के लिए ब्रह्मांडीय ऊर्जा का स्रोत है। भगवान रुद्र भगवान शिव का एक तूफान अवतार हैं , जो विनाश और असीमित प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह बात बुधवार को श्री रुद्र महायज्ञ का 3 दिवस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महामंत्री व जूना अखाड़ा संरक्षक परम हरि गिरि जी महाराज ने यज्ञशाला में आए भक्तों से कहा।

उन्होंने कहा कि श्री रूद्र महायज्ञ एवं अति रुद्र महायज्ञ पूजा, विश्व का प्राचीन जीवित स्मार्त महा यज्ञ है और वैदिक अनुष्ठान पदानुक्रम के अनुसार सबसे महान वैदिक अनुष्ठानों में से एक है। वैदिक अनुष्ठानों के दो व्यापक प्रकार हैं- गृह्य और श्रौत; गंभीर और उत्कृष्ट, मौखिक परंपरा में श्रुति इतिहास की महान शिक्षा को प्रदर्शित करते हुए, दूसरे शब्दों में, तीन वेदों- ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद और उनके सहायक ग्रंथों को शामिल करते हैं।

उन्होंने बताया कि अति रुद्र यज्ञ भगवान शिव की पूजा का एक अत्यधिक शक्तिशाली रूप है , जो पूरे विश्व के लिए ब्रह्मांडीय ऊर्जा का स्रोत है। भगवान रुद्र भगवान शिव का एक तूफान अवतार हैं , जो विनाश और असीमित प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं। भगवान शिव सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी हैं। वे मृत्यु के देवता हैं और असीम क्षमा, दया, करुणा और प्रेम का स्वरूप हैं। शिव का यह रुद्र रूप भक्त को सभी समस्याओं से तत्काल राहत और इच्छाओं की पूर्ति प्रदान करेगा। हम जो दिव्यता के लिए अपने अस्तित्व के ऋणी हैं, उनका निरंतर चिंतन करना और सभी मानव जाति की प्रगति के लिए उनकी कृतज्ञतापूर्वक पूजा करना हमारा कर्तव्य है।

अति रुद्र महायज्ञ का वैदिक साहित्य और वैदिक परंपराओं के पालन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। श्री रुद्रम, जिसे रुद्रप्रश्नः के रूप में भी जाना जाता है, भगवान शिव को समर्पित एक मंत्र है। यह यजुर्वेद का हिस्सा है और सभी तरह के लाभों और सभी दोषों और समस्याओं को दूर करने के लिए वैदिक मंत्रों में से एक सबसे महान है। वैदिक पंडितों ने श्री रुद्रम का वर्णन दो भागों में किया है नमकम भगवान शिव की महिमा का गान करता है और चमकम भगवान से भक्त को भौतिकवादी और धार्मिक संतुलन प्रदान करता कानपुर काशी बाबा आनंदेश्वर 3 दिवस के पावन पर्व पर श्री रूद्र महायज्ञ को भक्तों कल्याण जनकल्याण राष्ट्र कल्याण के लिए बताया।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल / बृजनंदन यादव

   

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