सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के जरिए लोगों को सशक्‍त बनाने के लिए सीएससी-कैट ने मिलाया हाथ 

मीडिया को संबोधि‍त करते हुए कैट महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल

नई दिल्ली, 05 दिसंबर (हि.स.)। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड और कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गुरुवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के लाभार्थियों तक पहुंचाया जा सकेगा। इस समझौते पर कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजय राकेश ने हस्‍ताक्षर किए।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में इस कार्यक्रम के दौरान मीडिया को बताया कि यह समझौता ज्ञापन भारत के व्यापारिक समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्‍होंने कहा कि छोटे व्यापारी लंबे समय से भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे हैं, लेकिन अक्सर जागरुकता और पहुंच की कमी के कारण सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। उन्‍होंने कहा कि यह रणनीतिक साझेदारी देश भर के व्यापारियों और नागरिकों को भारत सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत लोगों को पंजीकरण में सहायता प्रदान कर सशक्त करेगी।

उनके मुताबिक इन योजनाओं में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस), प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, लखपति दीदी और डिजी सखी योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और अन्य अनेक योजनाएं हैं। खंडेलवाल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड यानी सीएससी और कैट के बीच हुई इस साझेदारी का उद्देश्य देशभर में अंतिम छोर तक लाभार्थियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्‍होंने बताया कि इस पहल के तहत सीएससी, कैट के साथ बड़ी मात्र में शिविरों का आयोजन करेगा, जिससे इन योजनाओं को सीधे व्यापारियों और आम जनता तक पहुंचाया जाएगा। इसका उद्देश्य लाखों लोगों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच को सरल बनाना है।

इस अवसर पर कारोबारी संगठन कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा की सीएससी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और कैट के 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों के व्यापक नेटवर्क की संयुक्त पहुंच के साथ यह पहल न केवल लाखों व्यापारियों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करेगी, बल्कि एक अधिक समावेशी और सामाजिक रूप से सशक्त व्यापारिक समुदाय को बढ़ावा देगी। उन्‍होंने कहा कि यह साझेदारी वित्तीय समावेशन के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती है और एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय राकेश ने कहा कि लगभग 6 लाख वीएलई के साथ सीएससी की 15 साल की यात्रा सामाजिक उत्थान के लिए सामुदायिक और गैर-सरकारी सेवा वितरण की शक्ति को दर्शाती है। हमारा लक्ष्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाकर उनके जीवन में बदलाव लाना है। यह समझौता सामाजिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने में सीएससी की भूमिका को और मजबूत करता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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