एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ और मप्र के कोयला क्षेत्रों में  ₹170 करोड़ की सीएसआर परियोजनाओं को मंजूरी दी

नई दिल्ली, 15 फ़रवरी (हि.स.)। कोयला मंत्रालय के तहत कोल इंडिया की छत्तीसगढ़ स्थित सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने वित्त वर्ष 2024-25 में विभिन्न कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) परियोजनाओं के लिए ₹170 करोड़ की मंजूरी दी है। इन पहलों से कोयला क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास के बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा।

एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह आवंटन वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एसईसीएल के ₹99.76 करोड़ के वैधानिक सीएसआर बजट से अधिक है, जो सामुदायिक विकास के लिए कंपनी के समर्पण को दर्शाता है। इन परियोजनाओं को संबंधित समझौतों के अनुसार अगले 2-3 वर्षों में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ये परियोजनाएं समग्र सामुदायिक विकास के लिए एसईसीएल की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। एक प्रमुख पहल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर के साथ ₹48.19 करोड़ का समझौता ज्ञापन शामिल है, जिसके तहत 500 बिस्तरों वाले ‘एसईसीएल गर्ल्स हॉस्टल’ का निर्माण किया जाएगा, जिसे एसईसीएल द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। इसकी आधारशिला 21 जनवरी, 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रायपुर, छत्तीसगढ़ में रखी थी।

एसईसीएल ने अपनी प्रमुख परियोजना, “एसईसीएल की धड़कन” (कोल इंडिया का नन्हा सा दिल का विस्तार) के दूसरे चरण का शुभारंभ किया है। 14 फरवरी, 2025 को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) और श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, रायपुर ने विश्व जन्मजात हृदय दोष (सीएचडी) जागरुकता दिवस और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के स्वर्ण जयंती समारोह पर ‘जीवन का उपहार’ समारोह का आयोजन किया। एसईसीएल के निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में एसईसीएल की सीएसआर पहल 'एसईसीएल की धड़कन' पर प्रकाश डाला गया, जिसके तहत सीएचडी से पीड़ित बच्चों की 60 सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। बलरामपुर, छत्तीसगढ़ में सीएचडी के 57 मामलों का पता चलने के बाद, एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अगले 300 बच्चों के इलाज के लिए 4.71 करोड़ रुपये मंजूर किए। उन्होंने बताया कि एसईसीएल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश राज्य में जन्मजात हृदय दोष वाले हर बच्चे का इलाज करना है। परियोजना के दूसरे चरण के तहत 13 बच्चों का इलाज पहले ही किया जा चुका है। कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि वित्तीय बाधाएं बच्चों को जीवन रक्षक उपचार प्राप्त करने से न रोकें। इस पहल का उद्देश्य उच्च सीएचडी मामलों वाले अन्य क्षेत्रों में विस्तार करना है, जिससे कोयला क्षेत्रों में बाल स्वास्थ्य सेवा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

एसईसीएल के 'डिजी विद्या' कार्यक्रम ने भी एसईसीएल, अनूपपुर जिला प्रशासन और एडसिल इंडिया लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन के साथ गति प्राप्त की है। ₹13.73 करोड़ की यह परियोजना मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के 84 सरकारी उच्चतर माध्यमिक और उच्च विद्यालयों को 265 स्मार्ट क्लासरूम समाधानों और 84 विज्ञान प्रयोगशालाओं से सुसज्जित करेगी।

टीबी उन्मूलन के लिए 100-दिवसीय सघन अभियान के अनुरूप एसईसीएल ने 50,000 लोगों की टीबी जांच और छत्तीसगढ़ (बिलासपुर, रायगढ़, सूरजपुर) और मध्य प्रदेश (अनूपपुर) में 300 रोगियों को दवाइयां और पोषण किट प्रदान करने के लिए ₹3.82 करोड़ की परियोजना के लिए आरके एचआईवी और एड्स अनुसंधान और देखभाल केंद्र, मुंबई के साथ भागीदारी की है।

एसईसीएल अपैरल ट्रेनिंग एंड डिज़ाइन सेंटर, गुरुग्राम के साथ ₹3.12 करोड़ के समझौता ज्ञापन के माध्यम से कौशल विकास में भी निवेश कर रहा है। यह व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम 400 वंचित युवाओं को परिधान और वस्त्र उद्योग से संबंधित कौशल प्रदान करेगा, जिससे स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। एसईसीएल द्वारा स्वीकृत अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल हैं: स्वर्गीय बिसाहू दास महंत मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, कोरबा के लिए 3.0 टेस्ला एमआरआई मशीन प्रदान करना। कुपोषण और बौनेपन को दूर करने तथा एनीमिया और सिकल सेल एनीमिया की जांच के लिए मध्य प्रदेश के विदिशा जिला प्रशासन को ₹30.92 करोड़ वित्तीय सहायता। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ साझेदारी में एक बहु-कौशल विकास संस्थान परियोजना, जिससे एसईसीएल परिचालन क्षेत्रों में 1260 युवाओं को लाभ मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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