झज्जर: फरवरी तक बन जाएगा ईएसआई अस्पताल बहादुरगढ़ का भवन

बहादुरगढ़ में ईएसआई अस्पताल का निर्माण अधीन भवन। क़

झज्जर, 8 दिसंबर (हि.स.)। बहादुरगढ़ के सेक्टर 4बी में बन रहा कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अस्पताल का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि यह अस्पताल भवन फरवरी 2026 में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 68 करोड रुपये लागत आएगी। अस्पताल में इलाज आरंभ होने से बहादुरगढ़ के करीब तीन लाख श्रमिकों और उनके परिवारों को सुविधा होगी। निर्माण एजेंसी के साइट इंजीनियर राजकिशोर शुक्ला ने साेमवार काे जानकारी दी कि निर्माणाधीन ईएसआई अस्पताल का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन, डक्टिंग, फायर सेफ्टी और अन्य तकनीकी कार्य चल रहा है।

ईएसआई अस्पताल बहादुरगढ़ का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। निर्माण एजेंसी के अधिकारी की मानें तो सिविल वर्क लगभग पूरा होने को है और इन दिनों इलेक्ट्रिकल कार्य तेज गति से चल रहा है। फरवरी 2026 तक यह अस्पताल पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा और विभाग को हैंडओवर भी कर दिया जाएगा। इस अस्पताल के चालू होने से श्रमिकों व बीमित कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। साइट इंजीनियर राजकिशोर शुक्ला ने बताया कि निर्माणाधीन ईएसआई अस्पताल का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन, डक्टिंग, फायर सेफ्टी और अन्य तकनीकी कार्य चल रहा है। फरवरी 2026 तक बिल्डिंग पूरी तरह से उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद ईएसआईसी की ओर से मशीनरी इंस्टॉल कर चिकित्सकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। बहादुरगढ़ में 100 बेड के ईएसआई अस्पताल निर्माण की घोषणा नवंबर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की थी। वर्ष 2019 में शिलान्यास भी हुआ मगर निर्माण कार्य दिसंबर 2021 में शुरू हो पाया। तय सीमा के अनुसार दिसंबर 2023 में बनकर तैयार होना था। लेकिन निर्माण कार्य में दो साल से अधिक की देरी से चल रहा है। अब इंजीनियरिंग टीम का कहना है कि फरवरी 2026 तक अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा कर उसे हैंडओवर कर दिया जाएगा। इस अस्पताल के बनने में सबसे बड़ी बाधा भूजल स्तर के ऊपर होने और ड्राइंग चेंज होना रही।

सौ बेड की क्षमता वाला यह अस्पताल पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से लैस होगा। ओपीडी इमरजेंसी, लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, डायलिसिस यूनिट, आईसीयू, एक्स-रे लैब और फार्मेसी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अस्पताल शुरू होने के बाद ईएसआई के मरीजों को दिल्ली या निजी अस्पतालों की शरण नहीं लेनी पड़ेगी बल्कि उन्हें यहीं पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उद्यमी सुभाष जग्गा व नरेंद्र छिकारा का कहना है कि अस्पताल बनने के बाद शहर पर बोझ कम होगा और श्रमिकों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध होगा। उद्योग जगत जल्द ही सरकार से मुलाकात कर मशीन इंस्टोलशन और चिकित्सक व गैर चिकित्सक कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया तेजी से शुरू करने की मांग करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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