संत सद्गुरु मधुपरमहंस जी महाराज ने राँजड़ी में दिया प्रवचन, कहा : शरीर मायावी पिंजड़ा है, आत्मा अमर है
- Neha Gupta
- Sep 07, 2025

जम्मू, 7 सितंबर । साहिब बंदगी के संत सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज राँजड़ी में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में संगत को संबोधित करते हुए कहा कि यह शरीर बहुत ही चालाकी से बनाया गया है और उम्र के साथ इसकी क्षमताएँ क्षीण होती जाती हैं। उन्होंने कहा कि यह मायावी शरीर आत्मा का असली स्वरूप नहीं है, बल्कि आत्मा इस पिंजरे में कैद है।
संत ने अपने प्रवचन में कहा कि जो कुछ हम इस शरीर से कर रहे हैं वह आत्मा का धर्म नहीं बल्कि पाँच तत्वों का धर्म है। आत्मा शुद्ध स्वरूप में केवल अमर लोक पहुँचकर ही मिलती है और यह तभी संभव है जब साधक संत सद्गुरु के सच्चे नाम को धारण करे। उन्होंने बताया कि नींद, भूख-प्यास, क्रोध और अन्य सभी अवस्थाएँ शरीर की रचना से जुड़ी हैं। आत्मा इनसे परे है और उसका वास्तविक स्वरूप केवल आध्यात्मिक साधना से ही जाना जा सकता है। प्रवचन के दौरान बड़ी संख्या में संगत मौजूद रही और सभी ने संत के संदेश को आत्मसात किया।



