सबरस काव्य गोष्ठी में बही काव्यधारा...


- संवाद साहित्य मंच ने उमा शर्मा को किया सम्मानित
- साहित्यकार प्रेम विज और डॉ. विनोद शर्मा कार्यक्रम में हुए शामिल  

चंडीगढ़: संवाद साहित्य मंच ने फेस- एक मोहाली में सबरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस में हिंदी, पंजाबी व उर्दू  के अनेकों वरिष्ठ व युवा कवियों की कविताओं का दौर चला। कविताओं  में सामाजिक मुद्दे, रिश्ते, भ्रष्ट राजनीति व परिवेश पर कविताएं पढ़ी गईं। कार्यक्रम के आरम्भ में प्रसिद्ध गजल गायक सोमेश गुप्ता ने गांधीजी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये गाया।  संवाद साहित्य मंच के अध्यक्ष प्रेम विज और डॉ. विनोद शर्मा ने  उमा शर्मा को शाल देकर सम्मानित किया।  इस दौरान उन्होंने नव प्रकाशित काव्य संग्रह काव्य त्रिवेणी भी भेंट किया।  आचार्यकुल,चंडीगढ़ के अध्यक्ष के. के शारदा  ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री  ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कवयित्री  डॉ. उमा शर्मा ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अनीश गर्ग ने किया।
काव्य गोष्ठी के आरम्भ में कविवर प्रेम विज ने नशा पर  कविता पढ़ते हुए कहा -धीमा जहर है नशा, प्रेम संभल जा, घर बस्ती को इससे बचाना होगा।डॉ संगीता शर्मा कुंद्रा ने कहा  -सीधा साधा लिबास पहन, ले लाठी हाथ में। डा. उमा शर्मा ने गजल प्रस्तुत करते हुए कहा- अश्क आँखों  से आये जाते हैं, फिर भी हम मुस्कुराये जाते हैं। डॉ.अनीश गर्ग ने  कहा- मेरा मुझमें कुछ नहीं जो कुछ है बस तेरा है, कागज़ कलम बाज़ार से आए लफ्जों पे हक़ तेरा है। काव्य गोष्ठी में सिरी राम अर्श , डॉ. उमा शर्मा, डॉ. अजीत कंवल सिंह हमदर्द, डॉ.विनोद शर्मा, प्रेम विज डा. मेघा सिंह, डा. संगीता शर्मा  कुन्दरा , उषा आर. शर्मा, रेखा मित्तल, डेजी बेदी जुनेजा, सिमरजीत कौर ग्रेवाल, सुशील नागपाल, के के शारदा, सोमेश गुप्ता, शायर भट्टी, ढिल्लों, अशोक नादिर, डॉ. अनीश गर्ग, चंद्र  कान्ता शर्मा, सिमरन, रिपुन्दर कौर, गुरपाल कौर, राज विज् आदि उपस्थित थे।
 
 
 

   

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