शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातन संजीवनी पुस्तिका का किया विमोचन

वाराणसी, 14 मई (हि.स.)। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बुधवार को केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में सनातन संजीवनी पुस्तिका का विमोचन किया। पुस्तिका में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के जीवन के विविध पहलुओं को बताया गया है। ज्योतिर्मठ बद्रिका आश्रम हिमालय के प्रकाशन सेवालय की ओर से प्रकाशित पुस्तक में शंकराचार्य से जुड़े पहलुओं का संकलन साध्वी पूर्णाम्बा ने किया है। पुस्तक के विमोचन के बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आशीर्वचन दिया। अन्य वक्ताओं ने कहा कि रक्षित धर्म ही हमारी रक्षा करता है। आज के इस कठिन समय में जहां चारों ओर से सनातन धर्म पर प्रहार हो रहे हैं। समाज में आज का बौद्धिक वर्ग भी अन्धभक्ति के दौर से गुजर रहा है। ऐसे समय में सनातन की संजीवनी के रूप में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य महाराज प्रकट हैं, जो समय-समय पर अपने अकाट्य तर्क और दिव्य वाणी से सनातन की लौ जलाए हुए हैं। उन्हीं के जीवन का संक्षिप्त परिचय इस पुस्तिका में है। इस अवसर पर संविधान विशेषज्ञ डॉ. अनिल भारद्वाज, साहित्यकार डॉ. यतीन्द्र चतुर्वेदी, धर्मशास्त्री डॉ. अवधराम पाण्डेय, मठ के संत, संजय पांडेय व बटुक भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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