संत रविदास जयंती : कमिश्नर ने जन्मस्थली में व्यवस्था का लिया जायजा

—देश—विदेश के लाखों रविदासी भक्त सीरगोवर्धनपुर पहुंचे, लंगर में भी पूरी श्रद्धा से दे रहे सेवा

वाराणसी, 11 फरवरी (हि.स.)। संत शिरोमणि गुरु रविदास की 648वीं जयंती से एक दिन पूर्व मंगलवार को जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर लाखों श्रद्धालुओं से पट गई है। रविदास मंदिर से लौटूबीर तक लगभग एक किलोमीटर के दायर में मिनी पंजाब का नजारा दिख रहा है। पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उतराखंड, बिहार, झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों से संगत भी पहुंच गई है।

जालंधर के डेरा सच्चा बल्लखंड के श्रद्धालु अपने—अपने तम्बुओं में गुरु के चरणों में श्रद्धा दिखाते हुए भजन कीर्तन में लीन हैं। मौका मिलने पर वे लंगर में सेवादारों के साथ सेवा कार्य भी कर रहे हैं। विदेशी अनुयायी भी इसमें भागीदारी कर रहे है। श्रीगुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के अनुसार मंगलवार को शाम छह बजे नगवां पार्क में दीपोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रम से जयंती समारोह की शुरूआत होगी।

समारोह की तैयारियों को परखने के लिए मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा भी सीर गोवर्धनपुर पहुंचे। कमिश्नर ने संत रविदास मंदिर सहित पूरे मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने विभागीय अफसरों से अब तक हुए व्यवस्था की जानकारी लेने के बाद उन्हें दिशा—निर्देश दिया। रविदास जयंती समारोह में बुधवार को सुबह सात बजे संत रविदास पार्क नगवां में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण होगा। सीर गोवर्धनपुर स्थित संत के मंदिर में सुबह 10 बजे ध्वजारोहण होगा। इसके बाद श्री गुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास और अन्य रविदासी संतों का प्रवचन होगा। मुख्य पंडाल में कीर्तन होगा। इसके बाद मंदिर परिसर में शहर से आने वाले शोभायात्रा में शामिल झांकियों का स्वागत होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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