राष्ट्रीय मंच पर धमतरी जिले की सरोज ने सुनाई विकास गाथा

कमारों के लिए बनाए जाने वाले पीएम आवास का भूमिपूजन करते हुए कलेक्टर नम्रता गांधी।

धमतरी, 24 जनवरी (हि.स.)। विशेष पिछड़ी जनजाति कही जाने वाले धमतरी की कमार जनजाति की पहुंच अब दिल्ली तक हो गई है। पहली बार इस जनजाति के सरोज नेताम ने भारत मण्डपम में आयोजित प्रधानमंत्री जनमन कान्क्लेव में अपने जनजातीय समुदाय के विकास की गाथा सुनाई। कमार जनजाति के सामाजिक- आर्थिक सहित सर्वांगीण विकास के लिए किए जा रहे कामों का प्रजेंन्टेशन भी देशभर के आईएएस अधिकारियों और कलेक्टरों के समक्ष प्रस्तुत किया।

नेताम ने कमार जनजाति के सदस्यों के आगे बढ़ने में आने वाली बाधाओं-परेशानियों को कॉन्क्लेव में सभी के साथ साझा किया और इन चुनौतियों से निपटने के लिए जनमन योजना द्वारा मिले लाभ के बारे में भी सभी को बताया। धमतरी जिले में 130 बसाहटों में सात हजार से अधिक कमार जनजाति के लोग निवास करते हैं। एक हजार आठ सौ परिवारों का यह कुनबा दूरस्थ वनांचलों के अलग-अलग इलाकों में बिखरा पड़ा है। जनमन योजना से शिक्षा, स्वास्थ्य, सबको घर, खेती-किसानी की सुविधाएं, शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज बनाने से लेकर हितग्राही मूलक योजनाओं को इन तक पहुंचाकर विशेष पिछड़ी जनजाति को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने की पहल धमतरी जिले में साकार से हो पाई है। इन योजनाओं को कमार जनजाति के लोगों तक पहुंचाने में खुद सरोज कुमार नेताम का विशेष योगदान रहा है और वे अब अपनी जनजाति के लिए जनमन मिते, जमाय चो हिते, के रूप में स्थापित हो गए हैं।

नई दिल्ली के भारत मण्डपम में सरोज नेताम ने कहा कि अशिक्षा और जमीनी स्तर पर शासन की योजनाओं की जानकारी नहीं होने के कारण कमार समाज विशेष पिछड़ी जनजाति की श्रेणी में शामिल है। घुमंतू जीवन जीने, स्थायी आवास नहीं होने, खेती-किसानी का अभाव, बाल विवाह जैसी कुप्रथा और प्रशासन की पहुंच से दूर होने के कारण लंबे समय से यह जनजाति पिछड़ेपन का दंश झेल रही है। कलेक्टर नम्रता गांधी के नेतृत्व में प्रशासन ने प्रधानमंत्री जनमन कार्यक्रम के तहत कमार जनजाति के विकास के लिए परिणाममूलक योजना तैयार की। निर्धारित समय अवधि में योजना अनुसार घटकों की पूर्ति की गई और जनमन योजना का एक पूरा पैकेज हमारी जनजाति को मिला।

सात हजार एक सौ सदस्यों के आधार कार्ड बनाए गए

कमारों की सहभागिता और जरूरतों के हिसाब से बनी योजना के प्रशासनिक स्तर पर क्रियान्वयन का परिणाम यह हुआ कि आज सात हजार एक सौ से अधिक कमार सदस्यों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। 650 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलना शुरू हो गई है। दो हजार एक सौ से अधिक परिवारों के राशनकार्ड बन गए हैं और लगभग डेढ़ हजार परिवारों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का गैस कनेक्शन भी मिल गया है। यह जनमन पैकेज का ही परिणाम है कि दूरस्थ वनांचलों में रहने वाले कमार जनजातीय समुदाय को अब खेती-किसानी के लिए 600 किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। लगभग एक हजार सात सौ कमार किसानों को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि निधि भी मिलने लगी है। बालिकाओं के लिए 437 सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं, 365 महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना से लाभान्वित किया गया है। लगभग सात हजार परिवारों के आयुष्मान कार्ड बन जाने से अब कमार लोगों को सस्ते इलाज की सुविधा मिलना भी शुरू हो गई है। चार हजार तीन सौ से अधिक लोगों की सिकलसेल एनीमिया की जांच की गई है।

कमार समुदाय की सहभागिता से मिला रिजल्ट

कमार जनजातीय समुदाय की विकास गाथा को बताते हुए सरोज नेताम ने कहा कि दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में विकास कार्यों को करना अपने आप में एक चुनौती थी, परन्तु जिला प्रशासन की योजना काम कर गई। योजना में कमार समुदाय की पूरी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय भाषा में संवाद का प्रयास किया। जनमन योजना में परिणाम पाने के लिए प्रशासन ने समयबद्ध प्लानिंग की। कमार बसाहटों के दस सर्किलों के अध्यक्षों और हर गांव के ग्राम अध्यक्ष को योजना में शामिल किया गया। विकास योजनाएं बनाने और उनके क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग के लिए भी कमार समुदाय की सहभागिता स्टैक होल्डर के रूप में सुनिश्चित की गई। प्रशासकीय स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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