सत्येंद्र जैन ने परिवार के साथ की जैन मंदिर में पूजा-अर्चना

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (हि.स.)। आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए। सत्येंद्र जैन ने शनिवार को अपने पहले दिन की शुरुआत परिवार के साथ सरस्वती विहार स्थित जैन मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ की।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि अगर न्यायपालिका और संविधान नहीं होता तो केंद्र की भाजपा सरकार उन्हें फांसी पर लटका देती। जब हमने केजरीवाल के साथ देश की राजनीति बदलने का अभियान शुरू किया था तभी से मालूम था कि जेल जाना पड़ सकता है। इन लोगों ने हमारे नेताओं को जेल भेजकर हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। भाजपा ने उन्हें भी तोड़ने के तमाम हथकंडे अपनाए, जिस बैरक में खूंखार हत्यारों को 15 दिन से ज़्यादा नहीं रखा जाता, वहां मुझे महीनों रखा गया। बैरक में उनके साथ बहुत अत्याचार किया गया।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि मेरा बहुत सालों से नियम है कि मैं मंदिर से आने के बाद ही अन्न ग्रहण करता हूं। काफी समय तक जेल में रहने की वजह से यहां आकर भगवाने क दर्शन नहीं कर पाया। आज यहां भगवान के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लिया। भगवान हमेशा दिल में रहते हैं। भगवान से कुछ मांग नहीं सकते, वो अपने आप देखेंगे। मैं हर रोज मंदिर जाता हूं।

उन्होंने कहा कि जब केस खुलेगा तो सब सामने आ जाएगा। वें अकेला ऐसा आदमी हैं। मुझे आआपा ने 21 अप्रैल 2013 को टिकट दिया था और 31 जुलाई तक यानी 10 दिन के अंदर मैंने अपने सारे बिजनेस बंद कर दिए थे। सब कुछ छोड़ दिया था। मैंने कहा कि मैं लोगों की सेवा और अपना कारोबार चलाना ये दोनों चीजें एक साथ नहीं कर सकता। इस देश में कई एमएलए, एमपी और मंत्री हैं जो आज भी कारोबार कर रहे हैं। मेरे ऊपर कोई पाबंदी नहीं थी। जैन ने कहा कि ईडी को इस तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच करते हुए सात साल हो गए लेकिन अभी तक जांच चल ही रही है। 24 अगस्त 2017 को सीबीआई ने केस दर्ज की और सात दिन बाद 31 अगस्त को ईडी ने केस दर्ज की। इतना समय बीतने के बावजूद ये आज तक अपनी जांच पूरी नहीं कर पाए हैं। अगर इनसे जांच पूरी नहीं हो रही है, तो ये जांच एजेंसियां कर क्या रही हैं? उनका असली मकसद हमें गिरफ्तार करके केवल जेल में रखना था।

तिहाड़ जेल से बाहर आए सीसीटीवी फुटेज के सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि सोचने वाली बात है कि तिहाड़ जेल में हर जगह कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन किसी और चीज की फुटेज बाहर क्यों नहीं आती? वहां के बाकी अपराधियों की वीडियो क्यों नहीं मिलती। केवल सत्येंद्र जैन की फुटेज ही क्यों मिली? जेल जाने के बाद एक साल तक मैंने अन्न ग्रहण नहीं किया था। जेल में कैंटीन है, जहां से कोई भी पैसे देकर कुछ भी खरीद सकता है। मेरे पास सारे बिल हैं, मैं चाहे तो सब दिखा सकता हूं। ये लोग कह रहे थे कि सत्येंद्र जैन ने बोतल का पानी पिया, जबकि मैंने वह वहीं से खरीदा था। वह सबके लिए है, ये सुविधा केवल मेरे लिए नहीं है। सबके यहां टीवी लगा हुआ था, मेरे पास कोई अलग से टीवी नहीं था। मुझे इन्होंने अलग रखा था। जबकि मैंने बाद में इन्हें लिखकर दिया, डॉक्टरों ने भी कहा कि इन्हें अकेले न रखें, साथ में रखें लेकिन ये कहते थे नहीं, अकेले रखेंगे हम इसे तोड़ना चाहते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी

   

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