छात्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का प्रयास कर रही है विज्ञान भारती

छात्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का प्रयास कर रही है विज्ञान भारती

गुवाहाटी, 18 अगस्त (हि.स.)। विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) का आयोजन विज्ञान भारती (वीआईबीएच) द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त निकाय के सहयोग से किया जाता है। यह प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। कार्यक्रम का उद्देश्य विज्ञान मानसिकता के प्रति उत्साही छात्रों की पहचान करना है।

विज्ञान भारती, असम प्रदेश के सचिव राजीब चंद्र शर्मा ने कहा, इसका उद्देश्य वास्तविक विज्ञान में छात्रों के बीच रुचि पैदा करना, पारंपरिक से आधुनिक युग तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में भारत के योगदान के बारे में स्कूली बच्चों को शिक्षित करना, कार्यशालाओं और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना, वैज्ञानिक सोच और आत्मविश्वास वाले छात्रों की पहचान करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करना, छात्रों के लिए विज्ञान का अध्ययन करना, क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सफल छात्रों की पहचान करना और उन्हें प्रेरित करना और साथ ही सफलता प्राप्त करना।

वहीं शर्मा ने बताया कि वीवीएम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विकल्प के वस्तुनिष्ठ प्रश्न, विस्तारित लेखन प्रश्न, प्रस्तुतीकरण और समूह चर्चा, भूमिका निभाने और व्यावहारिक परीक्षाएं होंगी। वैज्ञानिक पद्धतियां शामिल होंगी। स्कूल स्तर की परीक्षाएं (जूनियर और सीनियर) स्कूल स्तर पर 100 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। ये प्रश्न एक घंटे तीस मिनट के भीतर हल करने होंगे और प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक होगा। परीक्षा में दो भाग होंगे, भाग ए (विज्ञान में भारतीय योगदान और डॉ. शांति स्वरूप भटनागर की जीवन गाथा से 40 प्रश्न। यह विज्ञान भारती द्वारा प्रदान किया जाएगा और भाग बी (एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों और आरडी पाठ्यक्रम पर आधारित 60 प्रश्न और तर्क और तर्क प्रश्न ओपन सोर्स 'बी' से दिए जाएंगे।

छात्रों का उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर प्रत्येक स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा। परीक्षा अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, उड़िया, असमिया, संस्कृत और उर्दू आदि (मुख्य क्षेत्रीय भाषाओं) में आयोजित की जाएगी। राज्य स्तरीय शिविर प्रत्येक राज्य के लिए प्रत्येक श्रेणी से शीर्ष 20 को एक दिवसीय राज्य स्तरीय शिविर (एसएलसी) में भाग लेने के लिए चुना जाएगा।

शिविर राज्य के भीतर कहीं भी आयोजित किया जाएगा। राज्य स्तरीय शिविर अनुप्रयोग-उन्मुख वैकल्पिक विकल्प प्रश्नों, व्यावहारिक गतिविधियों, अवलोकन और विश्लेषण, स्थितिजन्य समस्या-समाधान क्षमताओं और अन्य गतिविधियों की एक श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करेगा। परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद, छात्रों द्वारा प्राप्त अंक उनके डैशबोर्ड पर उपलब्ध होंगे।

राष्ट्रीय शिविर (एनसी)

प्रत्येक कक्षा से शीर्ष दो छात्र, यानी प्रत्येक राज्य से कुल 12 छात्र, दो दिवसीय राष्ट्रीय शिविर में आमंत्रित किए जाएंगे। राष्ट्रीय शिविर (एनसी) में प्रस्तुति, वैज्ञानिक धारणा, नवाचार, रचनात्मकता, पाठ्येतर सोच और नेतृत्व गुणवत्ता का परीक्षण करने वाली गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा।

सृजन इंटर्नशिप और मेंटरशिप कार्यक्रम

विद्यार्थी विज्ञान मंथन के 2024-25 संस्करण में राष्ट्रीय (हिमालयी) और क्षेत्रीय विजेताओं को 1 से 3 सप्ताह के व्यापक प्रशिक्षण के साथ इंटर्नशिप में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा। किसी भी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रयोगशाला या डीआरडीओ, इसरो, सीएसआईआर जैसे प्रमुख शोध संस्थान में छात्रों को बीएआरसी जैसे सृजन मेंटरशिप कार्यक्रमों के दौरान कुछ परियोजनाएं, गतिविधियां सौंपी जाएंगी। इसके अलावा,

विद्यार्थी विज्ञान मंथन 50 लाख रुपये की मूर्तिकला छात्रवृत्ति प्रदान करेगा। राष्ट्रीय विजेता (हिमालयन) को एक वर्ष के लिए दो हजार रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाएगी।

सृजन मेंटरशिप कार्यक्रम के दौरान छात्रों को कुछ प्रोजेक्ट, गतिविधियां सौंपी जाएंगी। विज्ञान भारती असम प्रदेश के सचिव राजीव चंद्र शर्मा ने कहा कि सृजन मेंटरशिप टीम के मूल्यांकन के आधार पर राष्ट्रीय विजेता (हिमालयन) को तिमाही आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश / अरविन्द राय

   

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