डीएपी के लिए मची मारामारी, किसानों की लाचारी पर चुप अधिकारी
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- Oct 31, 2025
सहकारी समितियों पर लगती लंबी लाइनें, मनमानी से परेशान किसान बैरंग लौट रहे
औरैया, 31 अक्टूबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में रबी फसल की तैयारी के बीच किसानों के सामने डीएपी की किल्लत सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार के पर्याप्त डीएपी उपलब्ध होने के दावों के बावजूद हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। सहकारी समितियों पर सुबह से शाम तक किसानों की लंबी लाइनें लग रही हैं, लेकिन अधिकांश किसानों को खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों की सहकारी समितियों पर रोजाना सैकड़ों किसान डीएपी के लिए पहुंच रहे हैं। किसान बताते हैं कि कई-कई घंटे लाइन में खड़े रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है। वहीं, समितियों पर तैनात कर्मचारियों पर मनमानी के आरोप लग रहे हैं। किसानों का कहना है कि संबंधित कर्मचारी अपने परिचितों और चहेतों को प्राथमिकता देते हुए आम किसानों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।
हालांकि प्रशासन का दावा है कि जिले में पर्याप्त डीएपी का स्टॉक मौजूद है और नियमित आपूर्ति की जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। किसानों के मुताबिक, कर्मचारियों की मनमानी और नियंत्रणहीन वितरण प्रणाली के कारण अधिकांश किसानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
किसानों ने बताया कि कई समितियों पर लेखपालों और अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन उनके रवैए के चलते डीएपी वितरण पारदर्शी नहीं रह गया है। कई किसान सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं और अंत में बिना खाद के वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं।
डीएपी की इस किल्लत से किसानों की फसलों की बुवाई पर भी असर पड़ने लगा है। नाराज किसानों ने शासन और जिला प्रशासन से तत्काल व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही डीएपी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
किसानों की परेशानियों और अधिकारियों की अनदेखी के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकारी दावे और जमीनी सच्चाई में इतना बड़ा अंतर क्यों है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार



