सेबी अध्यक्ष ने बोर्ड के भीतर हितों के टकराव के संबंध में पारदर्शिता पर दिया जोर

मुंबई/नई दिल्ली, 07 मार्च (हि.स.)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए अध्यक्ष तुहिन कांत पांडेय ने शुक्रवार को एक ऐसी व्यवस्था लेकर आने का वादा किया, जिसमें सेबी बोर्ड के सदस्यों के लिए हितों के टकराव के बारे में जनता को बताना जरूरी होगा। पांडेय ने सेबी बोर्ड के भीतर हितों के टकराव के संबंध में पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया है।

तुहिन कांत पांडेय ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पारदर्शिता सेबी के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए पूंजी बाजार नियामक अब अपने कर्मचारियों के हितों के टकराव का खुलासा करेगा। सेबी के प्रमुख का पद संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में में सेबी के अध्‍यक्ष ने कहा कि पारदर्शिता के दृष्टिकोण से ऐसा करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वृद्धि की रफ्तार कायम रखने के लिए घरेलू और विदेशी, दोनों प्रकार की पूंजी की जरूरत है।

सेबी प्रमुख ने कहा कि इस तरह के कदमों से सेबी को समूचे परिवेश का भरोसा हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “हम अपनी खुद की योजना के साथ आगे आएंगे ताकि अधिक पारदर्शिता के साथ हितों के टकराव आदि को जनता के सामने उजागर किया जा सके।” पांडेय ने कहा, “मुझे लगता है कि भरोसा और पारदर्शिता का मसला सेबी तक भी जाता है। हमें न केवल सभी हितधारकों का भरोसा अपने ऊपर बनाना है, बल्कि उस भरोसे को बनाए भी रखना है।” विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारतीय शेयर बाजार से बढ़ती निकासी को लेकर चिंता के बीच सेबी प्रमुख ने कहा कि नियामक उनके परिचालन को नियंत्रित करने वाले नियमों को और अधिक तर्कसंगत बना रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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