जन सरोकारों तथा राष्ट्र से जुड़ी हैं हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं: रविनंदन सिंह

-आजादी के आंदोलन से जुड़ी हैं बच्चन की कविताएं : प्रो0 सत्यकाम

प्रयागराज, 27 नवम्बर (हि.स.)। हरिवंश राय बच्चन संतुलन के कवि तथा व्यवस्थित रचनाकार थे। उनकी रचनाएं जन सरोकारों तथा राष्ट्र से जुड़ी हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में समाज और व्यक्ति के बीच होने वाली क्रिया और प्रतिक्रिया को प्रतिबिम्बित किया है।

उक्त विचार बतौर संगोष्ठी के मुख्य वक्ता सरस्वती के संपादक तथा हिन्दी के प्रतिष्ठित विचारक रवि नंदन सिंह ने व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित हिन्दी साहित्य के महान कवि एवं लेखक हरिवंश राय बच्चन की जयंती के अवसर पर संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि साहित्यकार शब्दों की व्यंजनों को पकड़़ता है, तब रचनाएं प्रस्फुटित होती हैं।

बुधवार को हरिवंश राय बच्चन के काव्य यात्रा एवं जीवन दर्शन पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि हरिवंश राय बच्चन की कविताएं सीधे-सीधे आजादी के आंदोलन से जुड़ी हैं। बच्चन जी विशिष्ट धारा के कवि थे। आजादी से पूर्व वे मस्ती की कविताएं क्रांतिकारियों के लिए लिख रहे थे जबकि दिनकर, माखनलाल चतुर्वेदी तथा सुभद्रा कुमारी चौहान वीर रस की कविताएं लिख रही थीं। बच्चन जी की कविताओं में सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीयता का भाव प्रदर्शित होता है। प्रो सत्यकाम ने कहा कि प्रयागराज में जो साहित्यकार रहे हैं मुक्त विश्वविद्यालय उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को आगे बढ़ाने में अपनी रचनात्मक भूमिका का निर्वाह करेगा।

मुक्त विवि के पीआरओ डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि इसके पूर्व कार्यक्रम समन्वयक प्रो सत्यपाल तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन सचिव अनुपम ने संचालन तथा प्रो रुचि बाजपेई ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विद्या शाखा के निदेशक, शिक्षक, शोधार्थी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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