पुंछ परिसर में रेशम उत्पादन तकनीक में प्रगति पर संगोष्ठी संपन्न
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- Feb 07, 2025
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पुंछ 07 फरवरी (हि.स.)। जम्मू विश्वविद्यालय के पुंछ परिसर में शुक्रवार को रेशम उत्पादन में प्री-कोकून और पोस्ट-कोकून तकनीक में हालिया रुझान और प्रगति पर दो दिवसीय संगोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न हुई। संगोष्ठी में रेशम उत्पादन में नवीनतम प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया जिसमें रेशम उत्पादन में नवीन तकनीकों और अनुसंधान विकास पर प्रकाश डाला गया। पुंछ परिसर के निदेशक प्रो. राकेश वैद ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि डॉ. एन.एस. गहलोत वैज्ञानिक.डी केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान मीरान साहिब जम्मू विशिष्ट अतिथि थे। अपने वर्चुअल संबोधन में प्रो. राकेश वैद ने आधुनिक रेशम उत्पादन तकनीकों पर अपनी विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए डॉ. एन.एस. गहलोत के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के बीच अनुसंधान सहयोग और कौशल विकास को बढ़ावा देने में इस तरह के शैक्षणिक जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि पुंछ परिसर रेशम उत्पादन को एक स्थायी आजीविका के रूप में बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी इसी तरह के ज्ञान.साझाकरण मंचों का आयोजन जारी रखेगा।
डॉ. एन.एस. गहलोत ने अपने संबोधन में पुंछ परिसर विशेष रूप से प्रो. राकेश वैद को इस तरह के प्रासंगिक और विकसित विषय पर इस सेमिनार के आयोजन के लिए अपनी सराहना व्यक्त की। उन्होंने प्री-कोकून और पोस्ट-कोकून प्रौद्योगिकियों में उभरते रुझानों पर प्रकाश डाला रेशम उत्पादकता बढ़ाने में जैव प्रौद्योगिकी मशीनीकरण और डिजिटल नवाचारों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रों को रेशम उत्पादन उद्योग के विकास में योगदान देने के लिए अनुसंधान और कौशल निर्माण गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित किया। प्रवचन में डॉ. आरती शर्मा सहायक प्रोफेसर एसकेसी.जीडीसी पुंछ ने एक व्यावहारिक भाषण दिया जिसमें रेशम की गुणवत्ता और उपज में सुधार के लिए रेशम उत्पादन में वैज्ञानिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया गया। उन्होंने स्थायी रेशम उत्पादन प्रथाओं के महत्व और अनुसंधान और क्षेत्र अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर चर्चा की। पुंछ परिसर के रेशम उत्पादन के पीजी विभाग की प्रभारी डॉ. रुबिया बुखारी ने दो दिवसीय सेमिनार पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें मुख्य विचार.विमर्श विशेषज्ञ वार्ता और इंटरैक्टिव सत्रों का सारांश दिया गया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस आयोजन ने विशेषज्ञों, शिक्षकों और छात्रों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया जिससे आधुनिक रेशम उत्पादन की प्रगति की गहरी समझ को बढ़ावा मिला। इस अवसर पर डॉ. रुबिया बुखारी और डॉ. पलवी शर्मा ने पुंछ परिसर के निदेशक की ओर से डॉ. एन.एस. गहलोत और डॉ. आरती शर्मा को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए प्रशंसा के प्रतीक के रूप में स्मृति चिन्ह भेंट किए।
सेमिनार में रेशम उत्पादन विभाग के छात्रों के साथ.साथ परिसर के शिक्षण और गैर.शिक्षण कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी