मंगल पांडेय के क्रांतिकारी विचार एवं युवा पीढ़ी में उसकी प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी आठ को
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- Apr 06, 2025

गोरखपुर, 6 अप्रैल (हि.स.)। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं गुरुकृपा संस्थान का राष्ट्रवादी वैचारिक संगठन अखिल भारतीय क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में भारत के प्रथम स्वातंत्र्य समर 1857 क्रांति के अमर बलिदानी मंगल पांडेय के बलिदान दिवस 8अप्रैल को स्वाधीनता आंदोलन के प्रणेता अमर बलिदानी मंगल पांडेय के क्रांतिकारी विचार एवं युवा पीढ़ी में उसकी प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसके मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश जी होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. जे. पी. सैनी , कुलपति, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय गोरखपुर करेंगे।
अमर बलिदानी मंगल पांडेय की चौथी पीढ़ी के प्रपौत्र रघुनाथ पांडेय जाे 80 वर्ष के हैं। केंद्रीय विद्यालय जनकपुरी दिल्ली से अवकाश प्राप्त प्रिंसिपल हैं। गदरपुर उत्तराखंड से चलकर गोरखपुर में पहली बार बतौर विशेष आमंत्रित अतिथि हम सभी के बीच होंगे। गोरखपुरवासी हार्दिक अभिनंदन करें, यह हम सभी के लिए गौरव की बात होगी। क्रांतिकारी के परिवार से भेंट होगी।
उक्त जानकारी कार्यक्रम के संयोजक बृजेश राम त्रिपाठी ने देते हुए बताया कि सन् 1857 क्रांति के अग्रदूत, प्रथम स्वाधीनता संग्राम के जनक मां भारती के अमर सपूत बलिया जिले के नगवां गांव के मूल निवासी मंगल पांडेय को ब्रिटिश हुकूमत ने गाय की चर्बी लगे कारतूस को दांत से खोलने से मना कर देने का दाेषी करार दिया और 26 वर्ष की उम्र में 08अप्रैल 1857 को सरेआम फांसी पर लटका दिया था।
उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्य बनाए रखने हेतु देशभक्ति से ओतप्रोत, वतन के लिए त्याग और बलिदान का संदेश देने वाले आयोजन में 8अप्रैल को दोपहर 2 बजे, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय गोरखपुर के आर्य भट्ट सभागार में आप सादर आमंत्रित हैं।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन सन् 1857 प्रथम क्रांति में अपने सर्वोच्च बलिदान से अंग्रेजों की चूलें हिलाकर, भारत माता के पैरों में पड़ी बेड़ियों और गुलामी से मुक्ति दिलाने का बिगुल फूंकने वाले पूर्वांचल बलिया की मिट्टी में जन्में, प्रथम सपूत मंगल पांडेय को याद करने, भावी पीढ़ी को आजादी का पाठ पढ़ाने सहित सच्ची किंतु छिपी घटनाओं के इतिहास को बताने हेतु विगत 15 वर्षों से गुरुकृपा संस्थान एवं अखिल भारतीय क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा द्वारा किए जा रहे भगीरथ प्रयास के साक्षी बनकर राष्ट्र रक्षा यज्ञ में अपनी उपस्थिति का आहुति डालने की कृपा करें।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय