समानता के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए समान नागरिक संहिता का लागू होना आवश्यक : राकेश पांडे
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- Nov 10, 2024
प्रयागराज, 10 नवम्बर (हि.स.)। भारत विकास परिषद, प्रयाग शाखा की ओर से सिविल लाइन स्थित एक होटल में ‘समान नागरिक संहिता’ विषय पर गोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय राकेश पांडे ने कहा कि भारत में समान नागरिक संहिता के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में इसका उल्लेख है। समानता के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए समान नागरिक संहिता का लागू होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि एक संघ होने के कारण भारत में कुछ राज्यों में लागू होने में कठिनाई हो सकती है। धर्म निरपेक्षता के लिहाज से भी कुछ विद्वान इसे लागू करना उचित नहीं मानते। इसे लागू करने से पहले इससे जुड़ी जटिलताओं को समझना और दूर करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आवश्यक है कि इसके लिए सभी पक्षों को पहले इसके लिए सहमत किया जाए। इसके विभिन्न वर्गों पर पड़ने वाले प्रभावों को भी समझने की आवश्यकता है। अंत में कहा कि संविधान में उल्लिखित अन्य नीति निर्देशक तत्वों को भी लागू करने के उतने ही वेग और शक्ति से प्रयास की आवश्यकता कहीं और अधिक है।
भारत विकास परिषद प्रयाग शाखा की अध्यक्ष डॉ अल्पना अग्रवाल ने मुख्य अतिथि सहित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता देश के हित में है, जिसकी शुरुआत उत्तराखंड में इसके लागू होने से हो चुकी है और इसे पूरे देश में लागू करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ विवेक भदौरिया ने तथा अतिथि परिचय उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी शुक्ला ने कहा कि 1920 के बाद मुसलमानों का जो तुष्टिकरण देश में शुरू हुआ और 1947 के बाद भी जिस तरह से यह तुष्टीकरण जारी है उसके कारण समान नागरिक संहिता को लागू करना मुश्किल हो रहा है। वास्तव में इसे कानून बनाकर ही लागू किया जा सकता है। आम सहमति बनाकर इसे लागू करना सम्भव नहीं है।
प्रोफेसर उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस अवसर पर वरिष्ठ सीए डॉ नवीनचन्द्र अग्रवाल एवं आरपी अग्रवाल ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर तथा शॉल ओढ़ाकर मुख्य अतिथि को सम्मानित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय आर पी अग्रवाल, रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जी के खरे, प्रो पुरुषोत्तम दास केसरवानी, राजीव अग्रवाल, कोषाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कांत मिश्रा, प्रोफेसर संघसेन सिंह, डॉ वेद प्रकाश मिश्रा, डॉ जगदीश्वर द्विवेदी, श्रीमती ज्योति अग्रवाल, राजनारायण अग्रवाल, डॉ मनीष गोस्वामी, डॉ इशिता सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र