कारनामें उजागर होने के डर से हुई थी शेरखान की हत्या, सात गिरफ्तार

लखनऊ, 28 सितम्बर (हि.स.)। हसनगंज पुलिस ने कुकरैल के जंगल में मिले कंकाल की शिनाख्त लापता शेरखान के रूप में की थी। हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए पुलिस ने शनिवार काे सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। लोन व फाइनेंस के काम में फर्जीवाड़ा करके कमाई करने वालों को डर था कि कही शेरखान उनकी करतूतों के बारे में पुलिस को न बता दें। इसी डर के कारण इन लोगों ने योजना के तहत शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी थी।

अपर पुलिस उपायुक्त मध्य मनीषा सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि शेरखान की हत्या में महानगर निवासी रवि वाल्मीकि, कपिल वाल्मीकि, हसनगंज के तकिया मुंशीगंज निवासी अमित कुमार सोनी, हसनगंज निवसी मोनू गौड़ उर्फ मनीष गौड़, बुद्धेश्वर चौराहा निवासी बब्लू उर्फ सोहित सोनी और फरीदी नगर निवासी बृजेश शर्मा उर्फ सौरभ गुप्ता के अलावा गुडम्बा निवासी विक्की रस्तोगी शामिल है।

घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि शेरखान अभियुक्त बृजेश, विक्की के साथ मिलकर लोन व इंश्योरेंस का काम करता था। शेरखान लोगों से आधारकार्ड इकट्ठा कर बृजेश को देता था। उन आधार कार्ड के जरिए उसके द्वारा पता बदलकर फर्जीवाड़ा कर लोन व इंश्योरेंस कराया जाता था। इसके एवज में बृजेश शेरखान को कमीशन देता था। कई साल तक काम करने के बाद शेरखान ने बृजेश को धमकाया कि अगर उसका कमीशन नहीं बढ़ाया गया तो उसके अवैध काम को सबको बता देगा। उसे जेल भिजवा कर रहेगा।

शेरखान का विकास से पहले ही किसी बात को लेकर झगड़ा चलता था। इन्हीं बातों को लेकन बृजेश और विक्की ने शेरखान की हत्या की साजिश रची। योजना के तहत इन सभी ने मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

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