जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड: डबल डोर रेफ्रिजरेटर जैसी स्थिति
- Neha Gupta
- Dec 24, 2024
इस बार जम्मू-कश्मीर में सर्दी की मार कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गई है। पूरा राज्य मानो एक डबल डोर रेफ्रिजरेटर में तब्दील हो गया है। इस रेफ्रिजरेटर का ऊपरी भाग, जो फ्रीजर होता है, कश्मीर घाटी के ऊंचे इलाकों जैसा है, जहां ठंड इतनी ज्यादा है कि सब कुछ जम चुका है। दूसरी ओर, निचला भाग जम्मू संभाग के मैदानी इलाकों की तरह है, जहां ठंड तो है लेकिन चीजें जमने की स्थिति तक नहीं पहुंची हैं। इस ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
कश्मीर घाटी, जिसे रेफ्रिजरेटर के फ्रीजर की तरह माना जा सकता है, इस समय अत्यधिक ठंड का सामना कर रही है। श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे ऊंचाई वाले स्थानों पर तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे गिर चुका है। प्रसिद्ध डल झील पूरी तरह से जम चुकी है, और इस पर चलने वाले शिकारे अब बर्फ की मोटी परत के नीचे ठहर गए हैं। झील पर बर्फ की चादर ऐसी है कि लोग इस पर चलते हुए देखे जा सकते हैं।
न केवल डल झील, बल्कि घाटी की अन्य नदियां, झीलें और जलाशय भी ठंड के प्रकोप से बर्फ में तब्दील हो गए हैं। बर्फबारी ने सामान्य जनजीवन को थाम दिया है, और रोज़मर्रा की गतिविधियाँ रुक-सी गई हैं। यहाँ के लोग इस कड़ाके की ठंड से निपटने के लिए भारी ऊनी कपड़े पहनने को मजबूर हैं और हीटरों का सहारा ले रहे हैं। बिजली की कटौती ने स्थिति को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
जम्मू संभाग, जिसे इस रेफ्रिजरेटर के निचले दरवाजे से जोड़ा जा सकता है, उतनी ठंड का सामना नहीं कर रहा है जितना कश्मीर घाटी कर रही है, लेकिन ठंड यहाँ भी अपना कहर बरपा रही है। जम्मू शहर और आसपास के इलाके ठंड से ठिठुर रहे हैं, हालांकि तापमान शून्य से ऊपर है और चीजें जमने की स्थिति तक नहीं पहुंची हैं।
सुबह और रात के समय ठंड काफी बढ़ जाती है, और लोग बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। दुकानों पर हीटर, कंबल और ऊनी कपड़ों की मांग बढ़ गई है। स्कूलों में शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है, और सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, कश्मीर घाटी की तुलना में यहाँ की स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन सर्दी ने जीवन को मुश्किल बना दिया है।
जम्मू-कश्मीर में ठंड का यह मौसम न केवल जनजीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि पर्यटन उद्योग पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। कश्मीर घाटी में बर्फबारी देखने के लिए पर्यटक आते हैं, लेकिन इस बार की कड़ाके की ठंड ने उनकी यात्रा को सीमित कर दिया है।
साथ ही, स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। बुजुर्ग और छोटे बच्चे विशेष रूप से सर्दी से प्रभावित हो रहे हैं, और अस्पतालों में ठंड से संबंधित बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। ठंड के कारण कई क्षेत्रों में पेयजल पाइपलाइन जम चुकी हैं, जिससे लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।