जगद्गुरु शांडिल्य महाराज ने शिष्यों सहित किया शस्त्र का अभ्यास

प्रयागराज, 05 मई (हि.स.)। श्रृंगवेरपुर धाम के जगद्गुरु नारायणाचार्य स्वामी शांडिल्य महाराज ने सोमवार को बड़ी संख्या में शिष्यों के साथ गंगा तट श्रृंगवेरपुर गंगा घाट पर शस्त्र का अभ्यास किया।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला भारत का प्रत्येक देशवासी लेना चाहता है। देशवासियों के अंदर आतंकवाद की नर्सरी कहे जाने वाले पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश भरा पड़ा है। यहां तक की संत, महात्मा भी चाहते हैं कि पाकिस्तान का नेस्तनाबूत हो। संत-महात्माओं का मानना है कि किसी भी बीमारी का इलाज जड़ से होना चाहिए ताकि वह दोबारा पांव न पसार सके।

प्रयागराज का वह स्थान जहां प्रभु श्रीराम के जन्म के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ शृंग ऋषि ने किया था वहां से धर्म और देश की रक्षा के लिए तलवार उठ गए हैं। उन्होंने कहा कि शस्त्र को गंगा स्नान करके विधि विधान के साथ पूजन किया गया। इसके बाद अभ्यास किया जा रहा है। ताकि पाकिस्तान से संत महात्मा बदला ले सकें। जगतगुरु के सानिध्य में लोक कल्याण, जन कल्याण, धर्म रक्षा के लिए श्रृंगवेरपुर के पावन धरती पर संत महात्माओं के आशीर्वाद से शस्त्र का अभ्यास कर पूरे देश में सनातन धर्म को जागृत किया जा रहा है।

आज श्रृंगवेरपुर धाम से जुड़े सभी साधु, संत, महात्मा, बटुक पुराने अस्त्र-शस्त्र निकालकर गंगा स्नान कराया है। इसके बाद शस्त्र की पूजा की गई और अभ्यास किया जा रहा है। ताकि जरूरत पड़ने पर शैतान पाकिस्तान को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी आदेश करेंगे पूरा संत समाज अपने शस्त्र के साथ लड़ाई लड़ेगा।

शांडिल्य महाराज ने कहा कि जब तक पाकिस्तान रहेगा, आतंक का नासूर बना रहेगा। इसका जड़ से इलाज जरूरी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में सभी शस्त्र का विधान है। बदलते समय में गोली, बंदूक आ गए हैं लेकिन हर आश्रम में सनातन के पुराने शस्त्र रखे हुए हैं। जिसमें तलवार, गदा, भाला, फरसा इत्यादि से नागा सन्यासियों ने मुगलों से युद्ध किया था। इस प्रकार से आज आश्रम के सभी संत, बटुक और महाराज युद्धाभ्यास और तैयारी कर रहे हैं ताकि पाकिस्तान पर चढ़ाई कर सकें।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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