गोरखपुर, 13 अक्टूबर (हि.स.)। पिपराइच विधानसभा क्षेत्र के ग्रामसभा मठिया में 14 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक श्री श्री रूद्र महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें क्षेत्र के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भी हिस्सा लेंगे। इस धार्मिक आयोजन की जानकारी आयोजन समिति के अध्यक्ष और ग्राम प्रधान चन्द्रिका सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि महायज्ञ का उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना और समाज में धार्मिक जागरूकता का प्रसार करना है।
महायज्ञ के आयोजन में विद्वान यज्ञाचार्य पं. हरीश चन्द्र उपाध्याय द्वारा विधिवत अनुष्ठान और पूजन कराया जाएगा। साथ ही, प्रसिद्ध कथावाचक पं. जेपी व्यास प्रतिदिन प्रवचन देंगे। उनके प्रवचनों में भगवान शिव के जीवन से जुड़ी कथाएं, धार्मिक सिद्धांत, और सामाजिक नैतिकता पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस महायज्ञ के माध्यम से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलेगा, बल्कि समाज में एकता, शांति और सांस्कृतिक समरसता का भी संदेश दिया जाएगा।
महायज्ञ की शुरुआत 14 अक्टूबर, सोमवार को सुबह 9 बजे कलश शोभायात्रा के साथ होगी। यह शोभायात्रा ग्रामसभा मठिया के विभिन्न मार्गों से होते हुए निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सिर पर कलश लेकर शामिल होंगी। शोभायात्रा का नेतृत्व करते हुए श्रद्धालु भगवान शिव की महिमा का गुणगान करेंगे। कलश शोभायात्रा के समापन के बाद यज्ञ मंडप में विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी और यज्ञ का शुभारंभ होगा।
रूद्र महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन हवन, पूजन और धार्मिक प्रवचनों का आयोजन किया जाएगा। यज्ञ की पवित्र अग्नि में आहुति दी जाएगी, जिसके बारे में मान्यता है कि इससे वातावरण की शुद्धि होती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। यज्ञाचार्य पं. हरीश चन्द्र उपाध्याय पूरे विधि-विधान से हवन संपन्न कराएंगे। हर दिन सुबह से लेकर शाम तक पूजा-पाठ और प्रवचन का सिलसिला चलता रहेगा, जिसमें श्रद्धालु अपने कष्टों से मुक्ति पाने और आंतरिक शांति के लिए प्रार्थना करेंगे।
कथावाचक पं. जेपी व्यास अपने प्रवचनों में धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक विषयों पर चर्चा करेंगे। उनके प्रवचन में विशेष रूप से भगवान शिव की महिमा, उनकी जीवन लीलाएं, और समाज के प्रति उनके योगदान पर प्रकाश डाला जाएगा। इसके अलावा, वे समाज में व्याप्त समस्याओं और उनके समाधान पर भी अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य समाज में धार्मिक शिक्षा का प्रसार करना और श्रद्धालुओं को नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा देना है। उनके प्रवचन से उपस्थित जनसमूह को अध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होगी और समाज में भाईचारे का भाव उत्पन्न होगा।
महायज्ञ का समापन 22 अक्टूबर, मंगलवार को कथा विश्राम के साथ किया जाएगा। समापन के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और यज्ञाचार्य द्वारा अंतिम हवन संपन्न होगा। इस दिन श्रद्धालु यज्ञ में शामिल होकर भगवान शिव से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करेंगे। महायज्ञ के अंतिम दिन तक श्रद्धालुओं का आगमन लगातार जारी रहेगा, जिससे यज्ञ मंडप में भक्ति और उत्साह का वातावरण बना रहेगा।
समापन के अगले दिन, 23 अक्टूबर, बुधवार को महाप्रसाद वितरण का आयोजन किया जाएगा। महाप्रसाद वितरण में सैकड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे, जहां उन्हें प्रसाद के रूप में भोजन प्राप्त होगा। यह महाप्रसाद वितरण कार्यक्रम महायज्ञ का एक विशेष अंग है, जिसमें श्रद्धालु एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण करेंगे, जिससे समाज में समता और सेवा भाव का संचार होगा। प्रसाद ग्रहण करने के बाद सभी श्रद्धालुओं के लिए यज्ञ के पुण्य का लाभ प्राप्त करने का अवसर होगा।
इस महायज्ञ के आयोजन में ग्रामसभा मठिया के सभी नागरिक और आसपास के गांवों के लोग भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। गांव के युवाओं ने आयोजन के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया है, जो यज्ञ स्थल की व्यवस्था, भोजन, और अन्य आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखेंगे। यज्ञ के सफल आयोजन के लिए गांव के नागरिकों में उत्साह और भक्ति का माहौल है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष चन्द्रिका सिंह ने सभी श्रद्धालुओं से इस महायज्ञ में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस धार्मिक आयोजन से न केवल ग्रामसभा मठिया, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी धार्मिक और सामाजिक समरसता का वातावरण बनेगा। इस महायज्ञ के माध्यम से श्रद्धालुओं को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी और समाज में शांति और सद्भाव का संदेश फैलेगा। क्षेत्र के लोगों में धार्मिक आस्था का जागरण होगा और सभी श्रद्धालु अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर सकेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय