आर.एस.पुरा में कलश यात्रा के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ; भागवत कथा सुनने से व्यक्ति अपने जीवन के तरीके को काफी हद तक बदल सकता है: स्वामी विश्वात्मानंदजी

जम्मू। स्टेट समाचार
बुधवार को आर.एस.पुरा के रूही मोड़ में पूरे धार्मिक उत्साह के साथ एक विशाल कलश यात्रा निकाली गई। यह यात्रा इंदिरा नगर से परम पूज्य अटल पीठाधीश्वर राजगुरु आचार्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर यूटी के विभिन्न हिस्सों से आए भक्तों के साथ शुरू हुई। पूरे यात्रा मार्ग के दौरान भक्तों ने ढोल की थाप के साथ विभिन्न नृत्य किए और उत्साह और उल्लास के साथ भगवान कृष्ण के भजन भजन गाए। यात्रा विभिन्न स्थानों से होते हुए इंदिरा नगर ब्रिज, सूदन हार्ट केयर, पुलिस नाका, बलोल ब्रिज, एनआईआईटीएस कॉलेज आदि क्षेत्रों से होते हुए अंत में रूही मोड़ पर समाप्त हुई, जहां 20 नवंबर से 27 नवंबर तक श्रीमद् भागवत तत्व ज्ञान यज्ञ (भागवत कथा) का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर समिति कोटरंका के सदस्यों ने स्वामीजी और भक्तों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इसके बाद भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया। उद्घाटन समारोह में बोलते हुए स्वामी जी ने उपस्थित लोगों को भागवत कथा का हर व्यक्ति के जीवन में महत्व बताया तथा बताया कि किस प्रकार धार्मिक प्रवचनों को पढ़कर और सुनकर आत्मसाक्षात्कार का मार्ग अपनाया जा सकता है। स्वामी जी ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि भागवत कथा सुनने से व्यक्ति अपने जीवन के तरीके को काफी हद तक बदल सकता है। स्वामी जी ने आगे कहा कि हमारे भाव ही मिथ्यात्व को जन्म देते हैं तथा अंततः संसार को मिथ्या बनाते हैं। कथा को आगे बढ़ाते हुए स्वामी जी ने कहा कि ईश्वर सभी में है लेकिन वह सबसे अलग भी है, वह हर पल हमारे साथ है। भागवत सप्ताह में श्रीमद्भागवत के श्लोकों का वाचन, प्रवचन, व्याख्या तथा गायन किया जाता है तथा यह भक्ति, हास्य, विरह तथा ईश्वर से मिलन की कथाओं से भरा हुआ है।

   

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