दवाओं के साइड इफेक्ट से लोगों का झुकाव प्राकृतिक चिकित्सा की ओर : सतीश राय

प्रयागराज, 14 अक्टूबर (हि.स.)। आधुनिक चिकित्सा के जमाने में स्पर्श चिकित्सा से कम लोग ही परिचित होंगे। बावजूद इसके जिस तरह से दवाओं के साइड इफेक्ट बढ़ रहे हैं, इससे बचने के लिए लोगों का झुकाव प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की ओर होने लगा है।

यह बातें सोमवार को एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान की ओर से स्पर्श चिकित्सा के विशेष प्रशिक्षण शिविर में स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस देश में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था काफी मंहगी है। पैसों के अभाव में ज्यादातर लोग इलाज नहीं करा पाते। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है स्पर्श-चिकित्सा का ज्ञान। इसे सीख कर लोग बिना धन व्यय किये ही रोगों से मुक्ति पा सकते हैं।

सतीश राय ने कहा कि स्पर्श चिकित्सा को जीवन का हिस्सा बनाने से मौसम बदलने पर स्वास्थ्य से जुड़ी मौसमी चुनौतियों के रोगों से बचाव होगा। ईश्वर ने अद्भुत सुरक्षा शक्तियां प्रदान की है जो बीमारियों से हमें बचाती हैं। उन्होंने कहा कि रोगों से बचाने के लिए ईश्वर ने सभी जीव जंतुओं के साथ-साथ मनुष्यों में भी अद्भुत सुरक्षा शक्तियां प्रदान की है। जिस कारण दवा न करने पर भी असंख्य रोगी अपने आप ठीक हो जाते हैं। यह बीमारियों से हमें बचाती है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा ऐसी होनी चाहिए जो शरीर के अंदर रोगों से लड़ने वाली सुरक्षा शक्तियों को कोई नुकसान ना पहुंचाए, बल्कि उन्हें ताकतवर बनाए। जिससे हमारी अंदरुनी सुरक्षा शक्तियां मजबूत होकर रोगों को शरीर से भगा दें। यह कार्य स्पर्श चिकित्सा द्वारा सम्भव है। अंत में उन्होंने कहा कि आधुनिक दिखने की चाह के कारण लोगों में आध्यात्मिक ज्ञान का न होना भी बड़ी और असाध्य बीमारियों का कारण बन रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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